Coronavirus Triple Mutant Variant: भारत में कोरोना ट्रांसमिशन का विस्फोट ऐसे दर से हो रहा है जिसे दुनिया में अब तक कहीं नहीं देखा गया है. गुरुवार को देश में 3.14 लाख कोरोना के नए मामले उजागर हुए, ये आंकड़ा दुनिया के किसी भी देश में एक दिन का सबसे ज्यादा है और हर घंटे मौत भी बढ़ रही है. इस बीच, कोविड-19 की वजह बननेवाला कोरोना वायरस के एक नए वेरिएन्ट का पश्चिम बंगाल में पता चला है.
बताया जाता है 'ट्रिपिल म्यूटेंट वेरिएन्ट' अन्य स्ट्रेन के मुकाबले ज्यादा संक्रामक है. ट्रिपिल म्यूटेंट वेरिएन्ट को कोरोना का 'बंगाल स्ट्रेन' भी कहा जा रहा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि ये वेरिएन्ट मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल में घूम रहा है, मगर दिल्ली और महाराष्ट्र से प्राप्त सैंपल में भी उसे पाया गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में कोई ठोस सबूत इस वेरिएन्ट का वैक्सीन पर होनेवाले प्रभाव को बताने के लिए नहीं है लेकिन उसमें E484K म्यूटेशन चिंता की वजह है. E484K इम्यून से बच रहनेवाला प्रमुख वेरिएन्ट है. इम्यून से बच रहनेवाले वेरिएन्ट्स ऐसे म्यूटेशन होते हैं जो वेरिएन्ट की इम्यून सिस्टम से बचने में मदद करता है और संभावित तौर पर नतीजा वैक्सीन के असर से समझौता होता है.
क्या है 'ट्रिपल म्यूटेंट वेरिएन्ट?'
जैसा कि नाम से जाहिर है, 'ट्रिपल म्यूटेंट वेरिएन्ट' उस वक्त बनता है जब वायरस के तीन म्यूटेशन एक साथ नया वेरिएन्ट बनाने के लिए हो जाते हैं. 'ट्रिपल म्यूटेंट वेरिएन्ट' कोरोना वायरस की दूसरी वंश का है जिसे भारत में पहचाना गया है. उसे B.1.618' कहा जा रहा है और ज्यादातर पश्चिम बंगाल में घूम रहा है. इससे पहले वायरस का 'डबल म्यूटेंट वेरिएन्ट' भारत में उजागर हुआ था. उसे आधिकारिक नाम B.1.617 दिया गया था. नए स्ट्रेन की व्याख्या करते हुए दिल्ली के एक शोधकर्ता विनोद सकारिया ने ट्विटर पर कहा कि इस वेरिएन्ट की सबसे पहले सिक्वेंस को पिछले साल 25 अक्टूबर को अलग-थलग किया गया था और ये पश्चिम बंगाल के एक मरीज से इकट्ठा किए गए सैंपल में मिला था. सबसे हाल में 17 मार्च को पता लगाया गया.
ये वेरिएन्ट कितनी तेजी से फैल रहा है?
विनोद सकारिया के मुताबिक, 'ट्रिपल म्यूटेंट वेरिएन्ट' का अनुपात पश्चिम बंगाल में हाल के महीने में 'काफी बढ़ रहा' है. हालांकि, उनका ये भी कहना है कि इस वेरिएन्ट के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है और उसके लिए ज्यादा रिसर्च किए जाने की जरूरत है.
ये वेरिएन्ट कितना खतरनाक है?
इस सवाल का सटीक जवाब पर्याप्त अध्ययन की अनुपलब्धता में इस वक्त देना संभव नहीं है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस का ये वेरिएन्ट अन्य वेरिएन्ट्स के मुकाबले ज्यादा संक्रामक है. विनोद कहते हैं कि फिलहाल हम 'ट्रिपल, म्यूटेंट स्ट्रेन' के दोबारा संक्रमण की वजह बनने क्षमता को नहीं जानते हैं.
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