नई दिल्ली: देश इस समय कोरोना संकट से जूझ रहा है. कोरोना संकट के इस वक़्त में समाज के निचले तबके को राशन और गैस सिलेंडर से जुड़ी किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए अलग-अलग मंत्रालयों में लगातार बैठकों का दौर जारी है. गरीब तबके के लोगों की दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था. इस आर्थिक पैकेज में गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों के लिए मुफ्त राशन वितरण समेत अप्रैल से जून महीने के दौरान उज्ज्वला के तीन मुफ्त सिलेंडर दिए जाने की घोषणा भी की गई है.
इसी सिलसिले में शुक्रवार को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने देश के सभी जिलों के 730 जिला नोडल ऑफिसों के साथ मीटिंग की. इस बैठक का मकसद यही था कि कोरोना के इस संकट काल के दौरान गरीब तबके के लाभार्थियों तक बिना किसी परेशानी के गैस सिलेंडर पहुंच सके.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई इस मीटिंग में जिला नोडल ऑफिसर मौजूद थे. इस दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने उज्ज्वला के मुफ्त सिलेंडर गरीब परिवारों तक पहुंचाने के लिए तय की गई व्यवस्था और वितरण के तैयारियों की मॉनीटरिंग की. मीटिंग के दौरान ज़ोर इसी बात पर दिया गया कि मुफ्त सिलेंडर प्राप्त करने वाले लाभार्थियों को किसी भी तरह की दिक्कत का सामना ना करना पड़े.
क्या है यह योजना जिससे देश के के करीब 8 करोड़ लाभार्थियों को मिलेगा फायदा
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 14.2 किलोग्राम वाले तीन एलपीजी सिलेंडर अप्रैल से जून के दौरान लाभार्थियों को दिए जाएंगे.
- इस योजना के तहत हर महीने एक सिलेंडर दिया जाएगा.
- जो लाभार्थी अभी तक 5 किलोग्राम वाला सिलेंडर इस्तेमाल कर रहे थे वह 3 महीनों के दौरान 8 सिलेंडर ले सकेंगे. 1 महीने में अधिकतम तीन सिलेंडर ले सकेंगे.
- कंपनियां एक सिलेंडर की कीमत के बराबर की राशि एडवांस में उज्ज्वला लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा कराएंगे. बाद में लाभार्थी उसी पैसे का इस्तेमाल कर सिलेंडर खरीद सकेंगे और पैसा गैस कंपनियों के पास पहुंच जाएगा.
जानकारी के मुताबिक अप्रैल से जून की तिमाही के दौरान सरकार इस योजना पर करीब 14,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी. हर महीने करीब 4500 करोड़ रुपए का खर्चा होगा. जिसका फायदा गरीबी रेखा के नीचे आने वाले देश के करीब आठ करोड़ लाभार्थियों को मिलेगा.