नई दिल्लीः केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोविड-19 के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा के एनसीआर शहरों में ज्यादा से ज्यादा संख्या में रैपिड एंटीजन जांच करने पर जोर देते हुए कहा कि हमारा ध्यान इस बीमारी से मृत्यु की दर को कम करने पर होना चाहिए और इसके लिए मरीज को जल्दी अस्पतालों में भर्ती कराना चाहिए.


शाह ने, अपनी अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह सलाह दी. बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और अन्य ने हिस्सा लिया.


गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उन्होंने तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की ताकि एनसीआर में कोविड-19 से लड़ने के लिए समान रणनीति बनायी जा सके. बयान के मुताबिक, गृह मंत्री ने संदिग्ध लोगों की तेजी से जांच करने पर जोर दिया ताकि एनसीआर में संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.


उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सुझाया है कि रैपिड एंटीजन जांच किट का उपयोग करके ज्यादा से ज्यादा संख्या में जांच करके संक्रमण के फैलने की दर को 10 प्रतिशत से नीचे लाया जा सकता है. शाह ने कहा कि इन किट की मदद से करीब 90 प्रतिशत तक स्क्रीनिंग संभव है. बयान में कहा गया है कि केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश और हरियाणा को इच्छित संख्या में ये किट दे सकती है.


उसमें कहा गया है कि गृह मंत्री ने गरीबों और जरुरतमंदों का जीवन बचाने के मानवीय आधार के महत्व पर कहा कि हमारा ध्यान मरीज को जल्दी अस्पताल में भर्ती करने पर होना चाहिए ताकि मृत्यु दर को कम किया जा सके. उन्होंने एनसीआर में कोविड-19 की मैपिंग के लिए आरोग्य सेतु और इतिहास ऐप के विस्तृत उपयोग पर भी जोर दिया.


उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा एम्स-टेलीमेडिसिन सेवा का लाभ ले सकते हैं जिसमें मरीजों को विशेषज्ञों की राय मिलेगी. उसमें कहा गया है कि शाह ने दोनों राज्यों के छोटे अस्पतालों को टेली-वीडियोग्राफी के माध्यम से एम्स से मदद लेने को कहा. नीति आयोग के सदस्य वी.के. पॉल ने एनसीआर में कोविड-19 उन्मूलन रणनीति पर प्रस्तुति दी और इसके लिए आगे का रास्ता सुझाया.


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