Coronavirus Vaccination: महाराष्ट्र में सभी ज़िले के कलेक्टर को सर्कुलर भेजा गया है और कहा गया है कि सभी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ का 5 सितंबर से पहले वैक्सीनेशन पूरा कराया जाए. इसके बाद आगे की तारीख हालात के आधार पर तय की जाएगी. महाराष्ट्र सरकार का स्कूल खोलने की तरफ़ यह पहला कदम माना जा रहा है. क्या ये मुककिन है कि इतनी जल्दी महाराष्ट्र के सभी अध्यापकों और स्कूल में काम करने वाले अन्य कर्मचारियों का वैक्सीनेशन पूरा हो सके?
इस मुद्दे पर मुंबई टीचर फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी मुकुंद अंधलकर एबीपी न्यूज़ ने बात की. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से अध्यापकों के वैक्सीनेशन की जो समय सीमा निर्धारित की गई है, उसके हिसाब से सभी अध्यापकों का वैक्सीनेशन होना असंभव लग रहा है, क्योंकि सरकार के पास अभी तो ये भी डाटा नहीं है कि कितने अध्यापकों का वैक्सीनेशन हो चुका है और कितनों का होना है. उन्होंने कहा कि जब से वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हुई है, आज तक अध्यापकों से इस वैक्सीनेशन के विषय पर सरकार ने कोई बात ही नहीं की,अचानक उनके वैक्सीनेशन की उन्हें याद आ गई, ये सब कैसे हो सकेगा पता नहीं.
महाराष्ट्र टीचर फेडरेशन की मानें तो अगर सरकार जल्द से जल्द स्कूल खोलने के लिये ऐसा कर रही है तो ये जल्दबाजी होगी, क्योंकि एक अध्यापक स्कूल के कई छात्रों से जुड़ा होता है. उन्होंने कहा कि स्कूल के अन्य कर्मचारी छात्रों के संपर्क में होते हैं. इसलिए ये जरूरी है कि स्कूल के सभी कर्मचारियों और अध्यापकों का वैक्सीनेशन जब तक 100 फीसदी न हो जाए बच्चों की जिंदगी के साथ रिस्क नहीं लेना चाहिए. मुकुंद अंधलकर ने कहा कि देश के कई राज्यों में स्कूल खोलने की कोशिश की गई, लेकिन छात्रों के संक्रमित होने से सरकारों को पीछे आना पड़ा.
इस मुद्दे पर फिलहाल छात्रों के अभिभावक भी अभी स्कूल खोलने के पक्ष में नही हैं, क्योंकि कोरोना के मामले फिर से बढ़ते दिख रहे हैं, तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. सरकार भी इसके लिए भरपूर तैयारियों में जुटी है, ऐसे में अभिभावकों का मानना है कि अध्यापकों का वैक्सीनेशन होना तो ठीक है, लेकिन जल्दबाजी में स्कूल खोलना और बच्चों की जिंदगी के साथ लापरवाही करना सरकार का सही कदम नहीं होगा.