मैन्युफैक्चरर से लेकर आप तक कैसे पहुंचेगी कोरोना की वैक्सीन? जानिए वैक्सीन डिलीवरी का पूरा मैनेजमेंट
सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के अलावा देश में तैयार हुई एक और वैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल में है. ट्रायल अगर कामयाब रहा तो भारत, दुनिया में कोरोना का दो-दो स्वदेशी वैक्सीन बनाने वाला इकलौता मुल्क बन जाएगा.
नई दिल्ली: विश्व इतिहास में कोरोना वायरस के सबसे बड़े टीकाकरण के लिए अब भारत पूरी तरह तैयार हो चुका है. 130 करोड़ से ज्यादा की आबादी तक कोरोना की वैक्सीन पहुंच सके इसका फुलप्रूफ सिस्टम स्वास्थ्य मंत्रालय ने तैयार कर लिया है. मुमकिन है कि मकर संक्रांति से देश में मिशन टीकाकरण शुरु हो जाए. तारीख पर आखिरी फैसला सरकार को करना है.
सरकार के फैसले के बाद बिना किसी देरी के वैक्सीन लोगों तक पहुंचाया जा सके. इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले दिसंबर में छोटे स्तर पर और फिर 2 जनवरी को बड़े स्तर पर देश के अलग-अलग राज्यों में टीकाकरण का ड्राइ रन कर के छोटी-मोटी खामियों को दूर कर लिया है. अब डिजिटल माध्यम से ही वैक्सीन के पहले और दूसरे डोज देने की तारीख दी जाएगी.
वैक्सीनेशन की पूरी प्रक्रिया पर CoWIN एप के जरिए नजर रखी जाएगी. हेल्थ वर्कर्स और अन्य सेना-पुलिस से जुड़े दूसरे फ्रंटलाइन वर्कर्स को सबसे पहले टीका दिया जाएगा. इसके बाद आम नागरिकों को टीकाकरण में शामिल किया जाएगा. डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत सबको यूनिक हेल्थ आईडी मिलेगी और टीकाकरण का सर्टिफिकेट डिजी लॉकर में मौजूद होगा.
दवा कंपनी से आपके पास तक कैसे पहुंचेगी वैक्सीन? कोरोना वैक्सीन की सप्लाई के लिए फुल प्रूफ डिलीवरी प्लान तैयार किया गया है. इसमें दवा बनाने वाली कंपनी से लेकर टीकाकरण लाभार्थी तक वैक्सीन पहुंचाने का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है. इसके साथ ही वैक्सीन लगने के बाद निगरानी के लए भी सिस्टम तैयार है.
दवा बनाने वाली कंपनी के पास से वैक्सीन हवाई जहाज के जरिए प्राथमिक वैक्सीन सेंटर तक पहुंचेगी. इसे राजधानी दिल्ली में केंद्र सरकार की निगरानी में बनाया गया है. इस सेंटर से विशेष रेफ्रिजेटर वैन के जरिए इसे रज्य के वैक्सीन स्टोर तक पहुंचाया जाएगा. यहां से वैक्सीन को विशेष रेफ्रिजेटर वैन के जरिए जिला मुख्यालय में बने स्टोर पहुंचेगी.
इसके बाद वैक्सीन प्राइमरी हेल्थ सेंटर पर भेजी जाएगी. यहां से वैक्सीन कैरियर यानी विशेष प्रकार के निश्चित तापमान वाले बक्सों में वैक्सीन को उप केंद्र या फिर जहां टीकाकरण होगा, वहां भेजा जाएगा. वैक्सीन लगने से पहले लाभार्थी का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, इसके बाद उसे एक निश्चित समय दिया जाएगा. इस समय पर जाकर आप टीका लगवा सकते हैं.
रजिस्ट्रेशन के लिए को-विन एप्लिकेशन का इस्तेमाल किया जाएगा. वैक्सीन लगने के बाद एप के डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत सबको यूनिक हेल्थ आईडी मिलेगी. वैक्सीन लेने के बाद अगर आपको किसी भी तरह की परेशानी होती है तो आप एप पर इसकी जानकारी दे सकते हैं. वैक्सीन लेने का सर्टिफिकेट डिजी लॉकर में भी उपलब्ध होगा. वैक्सीन के दूसरे शॉट की जानकारी भी एप के जरिए ही दी जाएगी.
नए स्ट्रेन पर भी प्रवाभी दोनों स्वदेशी वैक्सीन वैक्सीन तैयार करने वाले वज्ञानिकों के लिए राहत की बात है. कोरोना के जिस नए स्ट्रेन ने दुनिया भर की चिंता बढ़ा दी थी उस नए वायरस के खिलाफ भी वैक्सीन के प्रभावी होने की संभावना है. भारत बायोटेक की स्वदेशी कोवैक्सीन भी नए वायरस पर असरदार हो सकती है. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि अच्छी बात ये है कि देश में बनी दोनों वैक्सीन या फिर फाइजर-मोडर्ना की वैक्सीन पर वायरस के म्यूटेशन का असर नहीं पड़ा है.
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