नई दिल्ली: देश के चार राज्यों में कोरोना वैक्सीन देने से पहले तैयारियों का जायजा लेने के लिए ड्राई रन किया जा रहा है. ये चार राज्य पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश और गुजरात हैं. इन चारों राज्यों के दो जिलों में पांच जगहों पर यह ड्राई रन किया जाएगा. इस ड्राई रन का मकसद वैक्सिनेशन से पहले सारी तैयारियों का जायज़ा लेना और कोई कमी हो तो उसमें सुधार करना है.
इन चार राज्य के दो जिलों में और अलग-अलग पांच सेशन होगा. इसमें जिला अस्पताल, सीएचसी/पीएचसी, शहरी स्थल, निजी स्वास्थ्य सुविधा और ग्रामीण आउटरीच शामिल हैं. इसके तहत प्लानिंग, इंप्लिमेंटेशन या रिपोर्टिंग मैकेनिज्म की तैयारियों को देखना और उसमें सुधार करना है. साथ ही इसमें कोविड-19 वैक्सीन के लिए कोल्ड स्टोरेज और परिवहन व्यवस्था, परीक्षण सत्र स्थलों पर भीड़ का प्रबंधन और सोशल डिस्टेंस का साथ शामिल होगा. साथ ही अगर टीकाकरण का कोई एडवर्स इफेक्ट होता है तो उसके बाद किसी भी संभावित प्रतिकूल घटनाओं का प्रबंधन देखना शामिल है.
इस दौरान वैक्सीन देने के लिए खास तौर पर बनी Co-WIN की ऑपरेशनल फीसिबिल्टी चेक करना, इन फील्ड प्लानिंग, इंप्लीमेंटेशन देखना भी शामिल है. ये एक तरह की मॉक ड्रिल होगी.
कैसी होगी ये पूरी प्रक्रिया?
ड्राई रन का मकसद है वैक्सिनेशन प्रोसेस को टेस्ट करना. इस दौरान सब कुछ वैसे ही किया जाएगा जैसे वैक्सिनेशन के दौरान होगा. सिर्फ वैक्सीन नहीं दी जाएगी.
इस ड्राई रन में ऑपरेशनल गाइडलाइंस के मुताबिक प्लांनिंग और तैयारी करना शामिल है.
Co-Win एप एप्लीकेशन टेस्ट करना और आए हैल्थ केयर वर्कर का डाटा अपलोड करना.
सेशन प्लांनिंग और वैक्सीनेटर डिप्लॉयमेंट
वैक्सिनेशन साइट पर वैक्सीन लाना और लॉजिस्टिक चेक करना और Co-Win के जरिए देना
सेशन साइट पर वैक्सिनेशन करना और रिपोर्ट करना
इसके बाद ब्लॉक, जिला और स्टेट रिव्यू मीटिंग कर फीडबैक देना है.
ये सब कुछ किया जाएगा और कहीं कमी होती है तो उसे रिपोर्ट किया जाएगा.
ड्राई रन प्रक्रिया कुछ ऐसी होगी
ड्राई रन के लिए वैक्सीनेटर (एएनएम) के लिए Co-WIN (www.Uat.co-vin.in) और (www.app.uat.co-vin.in) का परीक्षण लिंक तैयार रखा जाएगा.
पांच सेशन वाली जगहों में से प्रत्येक के लिए ड्राई रन के लिए 25 परीक्षण लाभार्थियों (हेल्थकेयर वर्कर्स) की पहचान की गई है.
ड्राई रन सेशन साइट पर परीक्षण लाभार्थियों साइटों पर मौजूद होंगे।
वहीं इस दौरान Co-WIN एप के जरिए एसएमएस का भी टेस्ट होगा जिसमें अगले वैक्सिनेशन की जानकारी होगी.
डमी लाभार्थियों ( हैल्थ केयर वर्कर) के साथ सेशन फ्लो का आंकलन होगा. इस दौरान कोई टीका नहीं दिया जाएगा लेकिन जैसा वैक्सिनेशन के दौरान होगा वो पूरी प्रक्रिया की जाएगी.
इसमें सबसे पहले 25 डमी लाभार्थी ( हैल्थ केयर वर्कर) दो घंटे में इस साइट पर आएंगे.
इसके बाद पहला वैक्सिनेशन ऑफिसर लाभार्थियों का नाम लिस्ट से मिलान करेगा.
दूसरा वैक्सीनेशन अधिकारी इसको Co-WIN एप के जरिए वेरीफाई करेगा.
इसके बाद वैक्सीनेशन अधिकारी डमी टीकाकरण करेगा.
फिर वैक्सीनेशन अधिकारी Co Win एप पर टीकाकरण रिपोर्ट करेगा।
तीसरा और चौथा वैक्सीनेशन अधिकारी भीड़ का प्रबंधन का काम करेंगे, IPC (इंटर प्रोसेस कम्युनिकेशन) मैसेजिंग, वैक्सीनेटर का समर्थन करेंगे.
लाभार्थी टीकाकरण के बाद 30 मिनट प्रतीक्षा करेंगे.
वैक्सीन लगने के बाद अगर कोई दुष्प्रभावी घटना होती है तो सेशन साइट से Co-Win एप पर रिपोर्ट की जाएगी. रिएक्शन कैसा होगा ये देखा जाएगा. ये पूरी ड्राई रन प्रक्रिया इसलिए की जा रही है ताकि जब वैक्सीन देने की शुरुआत हो तो किसी तरह की कमी न रह जाए.
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