भुवनेश्वर: देश में विकसित कोविड-19 के टीके का इंसानों पर प्रायोगिक परीक्षण आज से भुवनेश्वर के एक संस्थान में शुरू होगा. आईसीएमआर ने पहले और दूसरे चरण के प्रायोगिक परीक्षण के लिए देश में 12 केंद्रों को चुना है और यह संस्थान भी उनमें से एक है.


चिकित्सा विज्ञान संस्थान और सम (आईएमएस एंड सम) अस्पताल की विशेष प्रयोगशाला में भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा तय प्रोटोकॉल के तहत बीबीवी 152 कोविड टीका या कोवैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण आज से शुरू होगा. आईएमएस एंड सम के डीन गंगाधर साहू ने सोमवार को संस्थान में विशेष प्रयोगशाला- प्रिवेंटिव एंड मेडिकल डायग्नोस्टिक टेस्टिंग यूनिट (पीटीसीटीयू) का उद्घाटन किया.


परीक्षण के लिए सभी जरूरी इंतजाम पुख्ता
प्रायोगिक प्रक्रिया पर नजर रखने वाले प्रधान अधिकारी और अस्पताल में कम्युनिटी मेडिसीन के प्रोफेसर डॉ ई वेंकट राव ने बताया कि इंसानों पर परीक्षण के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं बुधवार यानि आज से यह परीक्षण शुरू होने की संभावना है.


परीक्षण के लिए खुद से आगे आए वालंटियर्स
पीटीसीटीयू को ओडिशा में इंसानों पर परीक्षण को समर्पित पहली इकाई बताते हुए राव ने कहा कि भविष्य में यहां पर प्रायोगिक परीक्षण हो पाएंगे. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने परीक्षण में स्वेच्छा से भागीदारी की है. प्रोफेसर ने कहा कि टीका परीक्षण में भागीदारी के लिए लोग संस्थान से संपर्क कर सकते हैं. संस्थान की वेबसाइट पर सारे विवरण दिए जाएंगे.


किन लोगों पर होगा परिक्षण
डॉ ई वेंकट राव ने कहा कि 18 से 55 साल के ऐसे स्वस्थ लोग जिनमें पहले से कोई गंभीर बीमारी नहीं होगी या कोविड-19 से संक्रमित नहीं हुए होंगे, वे इस प्रायोगिक परीक्षण में भागीदारी कर पाएंगे.


भारत में शुरू हो चुका है ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन का उत्पादन 


ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मंगलवार को कोरोना वैक्सीन को लेकर दूसरे फेज के ट्रायल के पूरे होने की खुशखबरी दी थी. अब देश से भी कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर सुनने को मिली है. ऑक्सफोर्ड की इसी वैक्सीन का भारत में उत्पादन शुरू हो चुका है.


भारत में एक करोड़ डोज़ बनकर तैयार


देश में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इस वैक्सीन के उत्पादन का काम कर रहा है. जानकारी के मुताबिक इस वैक्सीन के एक करोड़ डोज बनकर तैयार हैं. नवंबर तक ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के आखिरी नतीजे आने की उम्मीद है.


दिसंबर तक आ सकती है कोरोना की वैक्सीन


सीरम इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक डॉ. राजीब ढोरे ने कहा, ''हमने बड़े पैमाने पर वैक्सीन का उत्पादन किया है. अभी वैक्सीन को सिर्फ सप्लाई के लिए जाने वाली शीशीयों में भरने का पड़ाव बाकी है. हम उम्मीद कर सकते हैं कि दिसंबर तक कोरोना की वैक्सीन बन सकती है.''


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