नई दिल्ली: देश में जल्द कोविड-19 वैक्सीन आने की उम्मीद के बीच दिल्ली एयरपोर्ट पर कोविड वैक्सीन की हैंडलिंग और ट्रांसपोर्टेशन की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है. इस मेगा तैयारी को प्रोजेक्ट संजीवनी का नाम दिया गया है. दिल्ली एयरपोर्ट का इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल, कार्गो हैंडलिंग के मामले में साउथ एशिया क्षेत्र का सबसे बड़ा कार्गो टर्मिनल है और अब ये कोविड वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन का भी सबसे बड़ा हब बनने जा रहा है.


इसके लिए यहां ख़ास इंतज़ाम किए गए हैं. दिल्ली एयरपोर्ट का इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल यात्री टर्मिनलों से क़रीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है. यहां कोविड वैक्सीन के लिए दो स्वतंत्र और डेडिकेटेड गेट रखे गए हैं. अगर वैक्सीन विदेश से या अन्य किसी शहर से हवाई जहाज़ के माध्यम से दिल्ली आ रही है तो एयरपोर्ट के भीतरी गेट से वैक्सीन को एयर क्राफ़्ट से लाकर एयरपोर्ट के कूलिंग चैंबरों में रखा जाएगा और फिर ज़रूरत के अनुसार इसे दिल्ली प्रवेश वाले गेट से शहर के आवश्यक सेंटरों में भेजा जाएगा.


वैक्सीन हैंडलिंग की सबसे बड़ी चुनौती ये है कि इसे लगातार कूल चेन में बनाए रखना है. यानी वैक्सीन का जो निर्धारित निम्नतम तापमान है उसे बनाए रखना है. इसके लिए यहां ख़ास इंतज़ाम हैं.


एयरक्राफ़्ट में लाने के दौरान एयरलाइंस कम्पनियां अपने कार्गो विमान में -20 डिग्री तक का तापमान सुनिश्चित करेंगी. इसके लिए कार्गो विमान में एनवायरो कंटेनर होंगे, जिनमें -20 डिग्री तापमान पर भी वैक्सीन को रखा जा सकेगा. कार्गो विमान से एनवायरो कंटेनर उतार कर ट्रॉलियों के माध्यम से लाए जाएंगे और टर्मिनल के स्टोरेज सेंटर पर लगी सुरक्षा जांच से गुजरते हुए कई कन्वेयर बेल्ट के ज़रिए एक विशेष ग्रीन चैनल या एक्सप्रेस मार्ग से बड़े-बड़े कूल रूम या कूलिंग चैम्बर्स तक जाएंगे.


दिल्ली एयरपोर्ट पर एक बार में 27 लाख कोविड वैक्सीन को कूल चेन में बनाए रखते हुए स्टोर करने की व्यवस्था है. एक दिन में ऐसे 54 लाख वैक्सीन का मूवमेंट सम्भव है. दिल्ली एयरपोर्ट पर कोविड वैक्सीन को कूल चेन में बनाए रखने, हैंडलिंग और ट्रांसपोर्टेशन की मेगा तैयारी का नाम मिशन प्रोजेक्ट संजीवनी दिया गया है.


दिल्ली एयरपोर्ट के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार बताते हैं, “दिल्ली एयरपोर्ट ने कोविड में हमेशा सरकार के साथ मिलकर काम किया है. यहां दो कार्गो टर्मिनल हैं. दोनों को मिलाकर सालाना कैपिसिटी 1.8 मिलियन मेट्रिक टन है, जिसे 2.3 मिलियन मेट्रिक टन तक ले के जा सकते हैं."


विदेह कुमार ने बताया कि यहां कूल डॉली मौजूद है, जो विश्व के बहुत कम एयरपोर्ट पर है. हमने कुछ कंटेनर हायर किए हैं, जो विभिन्न तापमानों पर रखे जा सकते हैं. इन्हें एयर साइड, ट्रांसशिपमेंट सेंटर और सिटी साइड, इन तीनों जगहों पर रखा गया है. फ़ार्मा हैंडिल करने के लिए हमारे पास ज़रूरी सर्टिफिकेट भी हैं. हैंडलिंग एक्यूपमेंट्स और 60 चार्जिंग पोईँट मौजूद हैं. एक्टिव एनवायरोटेनर को चार्ज भी करना होता है. पैसिव में ड्राई आइस फ़िलिंग होती है.


उन्होंने कहा, "2.5 मिलियन वैक्सीन स्टोर कर सकते हैं. अगर 24 घंटे में तीन बार लोडिंग अनलोडिंग की प्रक्रिया से गुजरें, तो प्रति दिन हम 8 मिलियन वैक्सीन को हैंडल कर सकते हैं. एक ट्रक मैनेजमेंट सिस्टम है, जिसमें अपने स्लॉट को बुक किया जा सकता है, जिससे एयरपोर्ट पर इंतज़ार न करना पड़े."

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