12 से 18 साल के लोगों के लिए भी जल्द उपलब्ध होगी कोरोना वैक्सीन, सभी वयस्कों का टीकाकरण 31 दिसंबर तक: केंद्र
हलफनामे में बताया गया है कि 31 जुलाई तक 51.6 करोड़ टीके लगाए जा चुके होंगे. सरकार अगस्त से दिसंबर के बीच 135 करोड़ कोविड वैक्सीन की खरीद करेगी. इसमें 50 करोड़ कोविशील्ड, 40 करोड़ कोवैक्सीन, 30 करोड़ बायो ई, 10 करोड़ स्पुतनिक वी और 5 करोड़ ज़ाइडस कैडिला डीएनए वैक्सीन शामिल है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि इस साल के अंत तक भारत की पूरी वयस्क आबादी के कोरोना टीकाकरण का प्रयास किया जा रहा है. 93 से 94 करोड़ की इस आबादी के लिए 186 से 188 करोड़ वैक्सीन की ज़रूरत पड़ेगी. इसके लिए भारत मे अब तक उपलब्ध टीकों के अलावा विदेशी वैक्सीन को भी मंजूरी दी जाएगी है. साथ ही 12 से 18 साल के आयु वर्ग के लिए भी जल्द ही कोविड टीका उपलब्ध होगा. ज़ाइडस कैडिला कंपनी के इस वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है.
सुप्रीम कोर्ट में 30 जून को देश मे कोरोना के इलाज के बेहतर प्रबंधन पर सुनवाई होनी है. इससे पहले कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि वह खुद सभी राज्यों को कोरोना वैक्सीन क्यों नहीं दे रहा. केंद्र ने बताया है कि उसने 21 जून से टीकाकरण का ज़िम्मा पूरी तरह अपने ऊपर ले लिया है. टीकाकरण अभियान को तेज़ करने के लिए उत्पादन बढ़ाया जा रहा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दाखिल हलफनामे में बताया गया है कि 31 जुलाई तक 51.6 करोड़ टीके लगाए जा चुके होंगे. सरकार अगस्त से दिसंबर के बीच 135 करोड़ कोविड वैक्सीन की खरीद करेगी. इसमें 50 करोड़ कोविशील्ड, 40 करोड़ कोवैक्सीन, 30 करोड़ बायो ई, 10 करोड़ स्पुतनिक वी और 5 करोड़ ज़ाइडस कैडिला डीएनए वैक्सीन शामिल है.
केंद्र ने कोर्ट को यह आश्वासन भी दिया है कि देश में मौजूद डिजिटल डिवाइड से कोरोना टीकाकरण पर कोई असर नहीं पड़ेगा. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई थी कि ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की सुविधा न होने और लोगों को तकनीक की जानकारी न होने से उनके वैक्सीनेशन में समस्या आएगी. केंद्र ने कोर्ट को बताया है कि लगभग 74.45 प्रतिशत वैक्सीनेशन सेंटर ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए गए हैं. इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि सुदूर इलाकों में बसे लोगों का भी तेजी से टीकाकरण हो सके.