पश्चिम बंगाल ने सभी राज्यों को कोरोना वैक्सीन मुफ्त में उपलब्ध करवाने की मांग की, कहा- सुप्रीम कोर्ट केंद्र को दे इसका निर्देश
पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा है कि पूरे देश में एक समान वैक्सीन नीति होनी चाहिए. राज्यों से यह नहीं कहा जाना चाहिए कि वह वैक्सीन कंपनियों से कीमत को लेकर मोलतोल करें. केंद्र सरकार खुद वैक्सीन की खरीद करे और उसे राज्यों को मुफ्त में दे.
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल सरकार ने सभी राज्यों को कोविड वैक्सीन मुफ्त में देने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की तरफ से दाखिल एक हलफनामे में अनुरोध किया गया है कि कोर्ट केंद्र को इस बारे में निर्देश दे. पश्चिम बंगाल सरकार ने इस मांग के पीछे दलील दी है कि राज्यों के पास संसाधन कम हैं. उन्हें कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए पहले ही बहुत खर्च करना पड़ रहा है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट इन दिनों देश में ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं की कमी पर संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है. कोर्ट ने वैक्सीनेशन नीति को लेकर भी केंद्र सरकार से सवाल पूछे हैं. मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से कोविड से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देने को कहा था. पश्चिम बंगाल सरकार ने जवाब में हलफनामा दायर किया है. राज्य में हॉस्पिटल, ऑक्सीजन आदि की उपलब्धता की जानकारी दी है. इसी हलफनामे में राज्य सरकार ने वैक्सीन मुफ्त में देने की मांग भी रख दी है.
राज्य सरकार ने कहा है कि पूरे देश में एक समान वैक्सीन नीति होनी चाहिए. राज्यों से यह नहीं कहा जाना चाहिए कि वह वैक्सीन कंपनियों से कीमत को लेकर मोलतोल करें. केंद्र सरकार खुद वैक्सीन की खरीद करे और उसे राज्यों को मुफ्त में दे. हलफनामे में यह भी कहा गया है कि अभी तक पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने खर्च पर वैक्सीन की खरीद की है. सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को राज्य सरकार का खर्च वापस करने के लिए कहे.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट भी वैक्सीन की अलग-अलग कीमत पर सवाल उठा चुका है. कोर्ट ने यह कहा था कि केंद्र सरकार ने 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को मुफ्त में वैक्सीन दी. फिर 18 से 44 साल के लोगों के टीकाकरण की जिम्मेदारी राज्यों पर क्यों छोड़ दी है? राज्यों से यह क्यों कहा जा रहा है कि वह खुद कंपनियों से कीमत तय करें और वैक्सीन खरीदें? कोर्ट ने यह भी पूछा था कि देश में वैक्सीन की अलग-अलग कीमत को लेकर केंद्र सरकार क्या कर रही है? मामले की सुनवाई सोमवार 10 मई को होगी.
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