नई दिल्ली: विकासशील देशों में कोरोना उतनी तेजी से नहीं फैला जितना विकसित देशों में फैला. दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में हुए एक रिसर्च में यह पाया गया कि वेंटिलेशन इसकी सबसे बड़ी वजह है. विकसित देशों में घरों में वेंटिलेशन न होना कोरोना के फैलने की एक सबसे बड़ी वजह है.


राजधानी दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के ओंकोलॉजी डिपार्टमेंट में एक रिसर्च एनालिसिस किया गया जिसमें यह पाया गया कि विकसित देश जैसे अमेरिका और यूरोप में जनवरी से मार्च के महीनों में कोरोना काफी तेजी से फैला. वहीं विकासशील देश जैसे भारत और श्रीलंका जैसे देशों में उस रफ्तार से नहीं फैला न ही इतनी मौतें हुईं. रिसर्च में पाया गया कि इसकी सबसे बड़ी वजह वेंटिलेशन यानी हवा के आने जाने का रास्ता नहीं होना है. रिसर्च में पाया गया कि यूरोप और अमेरिका जैसे देशों में इमारतों में वेंटिलेशन सही तरीके से न होने की वजह से कोरोना वायरस से फैला.


इस रिसर्च में पाया गया कि अगर कोई संक्रमित व्यक्ति घर में आता है और उसकी वजह से वायरस घर में मौजूद चीजों की सरफेस पर आता है तो वह काफी लंबे वक्त तक वहां रह सकता है. घर में वेंटिलेशन न होने की वजह से सतह यानी सरफेस पर वायरस तीन दिनों तक रह सकता है और उन जगहों को छूने पर किसी को भी संक्रमित कर सकता है.


डॉ श्याम अग्रवाल, हेड ऑफ ओंकोलॉजी डिपार्टमेंट कहते हैं, “अगर आप तुलना करें विकासशील और विकसित देशों के बीच में तो शुरू में जनवरी से लेकर मार्च तक यूरोप और अमेरिका में केस बहुत तेजी से बढ़े, भारत बांग्लादेश इस तरह के देशों के मुकाबले. हमने जो अध्ययन किया हमें तो लगता है वहां पर ज्यादातर लोग बंद कमरों में रहते हैं और वहां मौसम ठंडा होता है. यह वायरस सिर्फ मुंह से फैलता है. बल्कि मुंह से निकले कण अगर किसी सरफेस आ जाते हैं और वहां पर वेंटिलेशन न हो तो वह आपकी कुर्सी और कंप्यूटर या किसी चीज पर दो-तीन दिन तक रहता है. ऐसे में अगर वहां वेंटिलेशन नहीं होगा और आप इन चीजों को छूते रहेंगे तो और वायरस को बढ़ावा देते रहेंगे. इसीलिए यह बहुत बड़ा कारण रहा. भारत में इसलिए नहीं बढ़ा क्योंकि यहां लोग खुले घरों में रहते हैं.” अब जो केस बढ़ रहे है उसकी वजह है कम जगह में ज्यादा लोगों का होना है. एक कमरे में चार-पांच लोग रह रहे हैं इस वजह से सोशल डिस्टेंसिंग नहीं हो पा रही है.


डॉ श्याम अग्रवाल के मुताबिक एक रिसर्च ऐसी भी है जो कहती है अमेरिका और यूरोप में जो लोग हैं, वह सीक बिल्डिंग में रहते हैं. सीक बिल्डिंग का मतलब है आप सर्कुलेटेड एयर को री-ब्रीद कर रहे है. किसी चीज को री-ब्रीद करेंगे उसका शुद्धिकरण नहीं करेंगे, क्रॉस वेंटिलेशन नहीं होगा तो आपके बीमार पड़ने की संभावना है. आज की तारीख में अमेरिका और यूरोप में हजारों लोग फ्लू से मरते हैं. इसकी वैक्सीन भी है फिर भी लोग मर रहे हैं क्योंकि वहां वेंटिलेशन नहीं है. इस रिसर्च एनालिसिस को करने वाले डॉक्टरों का मानना वेंटिलेशन पर ध्यान देना चाहिए.


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