कोरोना वायरस: लॉकडाउन में यमुना नदी के साफ होने के दावे का सच क्या है? जानें
यमुना की दो तस्वीरों को वॉट्सऐप पर पेश किया जा रहा है. दो तस्वीरों को पेश करने का मकसद ये बताना है कि लॉकडाउन में यमुना का कायाकल्प हो चुका है.
नई दिल्ली: जानलेवा कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच 13 दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी. लॉकडाउन में देश की अधिकतर फैक्ट्रियां और कंपनियां बंद हो गई. जिसके बाद महानगरों में प्रदूषण भी बेहद कम हो गया. अब दावा किया जा रहा है कि लॉकडाउन में यमुना का पानी भी बिल्कुल साफ हो गया है. जानें इस दावे का सच क्या है.
क्या दावा किया जा रहा है?
सोशल मीडिया पर दावे के साथ सबूत के तौर पर यमुना की तस्वीर पेश की जा रही है. बेहद गंदी यमुना की जो तस्वीर वायरल हुई है उसे देखकर हर कोई हैरान है और पूछ रहा है कि क्या 12 दिन में यमुना इतनी साफ स्वच्छ और निर्मल हो गई हैं? यमुना की दो तस्वीरों को वॉट्सऐप पर पेश किया जा रहा है. दो तस्वीरों को पेश करने का मकसद ये बताना है कि लॉकडाउन में यमुना का कायाकल्प हो चुका है.
पहली तस्वीर में यमुना बेहद गंदी और पानी झागदार दिखाई दे रहा है. जबकि दूसरी तस्वीर में नदी का पानी बेहद साफ दिखाई दे रहा है. साफ यमुना की वायरल तस्वीर को कालिंदी कुंज के पास यमुना नदी का बताया जा रहा है. दोनों तस्वीरों में एक गोल इमारत तो समान दिख रही है लेकिन बाकी कुछ नहीं.
दावे का सच क्या है?
ABP न्यूज ने वायरल तस्वीरों की पड़ताल शुरू की और सच्चाई जानने के लिए एबीपी न्यूज ठीक उसी जगह पहुंचा, जहां की तस्वीरें वायरल है. पड़ताल में सामने आया कि ना तो पानी नीला है और ना ही साफ-स्वच्छ. पड़ताल में लॉकडाउन में यमुना के साफ और बेहद स्वच्छ होने का दावा करने वाली तस्वीर झूठी साबित हुई है.
यह भी पढ़ें-
Coronavirus Updates: कोरोना से राहत नहीं, 3500 पार हुई मरीजों की संख्या, तब्लीगी जमात ने बढ़ाए मामले
Coronavirus: संक्रमित मामलों में इटली से आगे निकला स्पेन, अमेरिका में करीब 10 हजार लोगों की मौत