ज़िलों में कब लॉकडाउन में दी जा सकती है ढील ? केंद्र सरकार ने बताईं शर्तें
केंद्र सरकार के मुताबिक 28 अप्रैल से 4 मई के बीच देश में 531 ऐसे ज़िले थे, जहां प्रतिदिन 100 से अधिक मामले दर्ज़ किए जा रहे थे, ऐसे ज़िले अब 295 रह गए हैं.
नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान देश में लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने अपने स्तर पर संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन लगाए. ऐसे में अब जब कई राज्यों में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं तो पाबंदियों में ढील देने की बात भी कही जा रही है. ढील कब और किस आधार पर दी जाएगी, इसको लेकर केंद्र सरकार ने कुछ शर्तें बताई हैं.
किन ज़िलों में ढील दी जानी चाहिए
केंद्र सरकार ने कहा है कि जिन ज़िलों में लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील दी जानी है, वहां एक हफ्ते तक संक्रमण दर पांच फीसदी से कम होनी चाहिए, 70 फीसदी से अधिक पात्र आबादी का टीकाकरण हो जाना चाहिए और कोविड-19 के उपयुक्त व्यवहार करने के लिए सामुदायिक स्तर पर जागरूकता होनी चाहिए.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 1 जून से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की है. प्रदेश सरकार उन ज़िलों में लॉकडाउन में ढील दे रही है जहां, कोरोना संक्रमण के 600 से कम एक्टिव केस हैं.
अब 295 ज़िलों में आ रहे 100 से अधिक केस
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को बताया कि देश में 29 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां प्रतिदिन 5000 से कम मामले दर्ज़ किए जा रहे हैं. 28 अप्रैल से 4 मई के बीच देश में 531 ऐसे ज़िले थे, जहां प्रतिदिन 100 से अधिक मामले दर्ज़ किए जा रहे थे, ऐसे ज़िले अब 295 रह गए हैं.
टेस्ट में हुई बढ़ोतरी
लव अग्रवाल ने देश में कोरोना की टेस्टिंग को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि 16-22 फरवरी के बीच प्रतिदिन देश में 7.7 लाख टेस्ट किए जा रहे थे. अब हम लगभग 20 लाख टेस्ट प्रतिदिन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब तक हम देश में कुल 34.67 करोड़ टेस्ट कर चुके हैं.
Corona 2nd Wave: मई में भारत में आए दुनिया की तुलना में सबसे ज्यादा केस, मौतों ने भी तोड़ा रिकॉर्ड