नई दिल्ली: कोरोना वायरस को लेकर WHO महानिदेशक टेड्रोस अधानोम और मुख्य तकनीक अधिकारी डॉ मारिया वान केरखोवा और लॉजिस्टिक और स्पोर्ट प्रमुख पॉल मरीलानो ने मीडिया को ब्रीफ किया. इसमें उन्होंने कुछ मुख्य बिंदुओं को रखा. इसमें टेस्ट कराने से लेकर होम आइसोलेशन के खतरे जैसे बिंदुओं पर चर्चा की.


मीडिया ब्रीफिंग के मुख्य बिंदू


इस वक्त हम सभी देशों को कोविड19 के खिलाफ यही सलाह दे रहे हैं. टेस्ट, टेस्ट और टेस्ट.


यदि कोई +ve पाया जाता है तो उसके सभी सम्पर्कों को भी टेस्ट करें.


WHO ने दुनिया के 120 मुल्कों को अब तक 15 लाख टेस्ट किट भेजी हैं.


जिसमें थोड़े से भी लक्षण दिखें उसे अलग करने की ज़रूरत है.


होम आइसोलेशन के अपने खतरे हैं क्योंकि इससे घर में रखने वाले अन्य सदस्यों के भी संक्रमित होने का ख़तरा खड़ा होता है. ऐसे में जरूरी है कि डब्ल्यूएचओ की सलाह सलाह के मुताबिक प्रोटोकॉल को फॉलो किया जाए.


बीमारी के लक्षण खत्म होने के बाद भी इस बात का खतरा बना रहता है कि व्यक्ति दूसरों को भी संक्रमित कर सके. ऐसे में जरूरी है कि उस व्यक्ति के पास 2 हफ्ते तक विजिटर ना आए.


विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस संबंध में नई क्लीनिकल गाइडलाइन जारी की है.


कोविड19  के बारे में सबसे बड़ा खतरा है कि अगर यह बीमारी कमजोर गरीब लोगों और कुपोषित बच्चों के बीच पहुंच गई तो इसके नतीजे बेहद घातक हो सकते हैं.


मारिया वैन ने कहा, ‘’बच्चे इस बीमारी का शिकार बन सकते हैं. कई देशों से WHO के पास रिपोर्ट आई हैं कि इससे बच्चों की मौत हो रही है. ऐसे में ज़रूर ही कि बच्चों को बचाया जाए. बच्चों में कोविड19 के लक्षण सम्भवतया कुछ हल्के नज़र आएं लेकिन यह उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है.’’


इस बात की सम्भवना है कि कुछ फॉल्स नेगेटिव और फॉल्स पॉज़िटिव टेस्ट रिज़ल्ट भी आ सकते हैं. ऐसे में ज़रूरत है कि रिपीट टेस्ट किए जाएं. जो भी व्यक्ति किसी COVID19 पॉज़िटिव केस के सीधे सम्पर्क में आया हो उसे रिपीट टेस्ट किया जाए.


इस वक्त 200 से ज़्यादा दवाओं पर ट्रायल चल रहा है. इसमें कुछ परम्परागत दवाएं भी शामिल हैं. इस बात के परीक्षण हो रहे हैं कि यह वायरस कैसे निष्क्रिय हो सकता है.


COVID19 वायरस पर कौन से वातावरण, किस तापमान, अलग अलग सतह, भिन्न किस्म की रौशनी के असर को लेकर परीक्षण चल रहे हैं. इसलिए अभी सतह पर इसके जीवनकाल के बारे में ठोस तरीके से कुछ कह पाना सम्भव नहीं है. साथ ही इस वायरस के खिलाफ मानवीय रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है.