Coronavirus: कुछ लोगों में अधिक तेजी से संक्रमण फैलाने की क्षमता क्यों होती है? रिसर्च से मिला जवाब
कोरोना वायरस को तेजी से फैलाने के पीछे मोटापा, आयु और संक्रमण की स्थिति कारक होते हैं. ज्यादा बीएमआई वाले और गंभीर रूप से संक्रमित बुजुर्ग मरीज अन्य संक्रमितों की तुलना में तीन गुणा ज्यादा तेजी से कोरोना वायरस फैलाते हैं. रिसर्च के नतीजों को ‘पीएनएएस’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है.
बोस्टन: कुछ लोगों में अपेक्षाकृत तेजी से कोरोना वायरस फैलाने की क्षमता क्यों होती है? शोधकर्ताओं ने रिसर्च के जरिए जवाब ढूंढने की कोशिश की है. उन्होंने इसके पीछे मोटापा, आयु और कोरोना वायरस संक्रमण लेवल को कारक माना है. उनका कहना है कि संक्रमित व्यक्ति के सांस छोड़ते समय निकलने वाले वायरस के कणों की संख्या प्रभावित करते हैं.
तेजी से कोरोना वायरस फैलाने की क्षमता पर रिसर्च
रिसर्च से पता चला कि ये कारक तय करते हैं कि कोविड-19 के मरीज से से संक्रमण अत्यधिक तेजी से फैलेगा या नहीं. रिसर्च के नतीजों को ‘पीएनएएस’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है. शोधकर्ताओं ने कोविड-19 से संक्रमित अन्य जानवरों और 194 स्वस्थ लोगों के बीच तुलनात्मक परीक्षण किया. अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों के दल में अमेरिका स्थित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता भी शामिल थे. उन्होंने बताया कि कोई संक्रमित व्यक्ति ऐरोसोल के कितने कण सांस के साथ छोड़ता है, वह उसकी आयु, संक्रमण की स्थिति और शरीर के द्रव्यमान सूचकांक (बीएमआई) जैसे कारकों पर निर्भर करता है.
मोटापा, आयु और संक्रमण लेवल की भूमिका
उनका कहना था कि अधिक बीएमआई वाले और गंभीर रूप से संक्रमित बुजुर्ग मरीज अन्य संक्रमितों की तुलना में तीन गुणा अधिक तेजी से कोरोना वायरस का प्रसार करते हैं. शोधकर्ताओं ने रिसर्च के हवाले से खुलासा किया कि 20 प्रतिशत कोरोना पीड़ित मरीज 80 प्रतिशत संक्रमण के लिए जिम्मेदार पाए गए. उन्होंने बताया कि संक्रमण के तेजी से फैलने के लिए जिम्मेदार अन्य कारक भी हो सकते हैं और उसका पता लगाने के लिए अतिरिक्त रिसर्च की जरूरत है.
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