(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Coronavirus: राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 से ज्यादा मौत क्यों हो रही है? विशेषज्ञों ने बताई ये वजह
दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस संक्रमण के अत्यधिक मामले सामने आ रहे हैंविशेषज्ञों ने कोविड-19 मरीजों की मौत पर कई कारकों समेत प्रदूषण को भी कारण माना है
नई दिल्ली: विशेषज्ञों ने दिल्ली में कोविड-19 मरीजों की मौत में वृद्धि पर चिंता जताई है. उन्होंने इसके पीछे अस्पताल में देर से भर्ती करने, आईसीयू में बिस्तरों की कमी, प्रतिकूल मौसम और बढ़ते प्रदूषण को मुख्य कारण माना है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि महामारी के पिछले चरण के मुकाबले वर्तमान चरण में रोग की गंभीरता अधिक है. जिसके लिए प्रतिकूल मौसम और प्रदूषण सहित कई कारक जिम्मेदार हैं. गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 मरीजों की मृत्यु दर बढ़कर 1.89 प्रतिशत हो गई है जबकि राष्ट्रीय औसत 1.46 प्रतिशत है.
दिल्ली में कोविड-19 मरीजों की मौत में इजाफे से बढ़ी चिंता
महानगर में पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस संक्रमण के अत्यधिक मामले सामने आ रहे हैं. बड़ी संख्या में मरीजों की मौत बीमारी की चपेट में आने से हो रही है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) में महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग (ईसीडी) विभाग के प्रमुख डॉ. समीरन पांडा ने बताया, "घर में मरीजों के पृथक-वास में होने के दौरान दिशा-निर्देशों का पालन नहीं होना, बीमारी के अधिक लक्षण सामने आने और तबीयत बिगड़ने के बावजूद अस्पताल में देर से जाना मौत के बढ़ते प्रमुख कारणों में शामिल हैं."
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को कोविड-19 जांच में संक्रमित पाया जाता है और उन्हें घर पर पृथक-वास में रहने की सलाह दी जाती है, उन्हें अपने शरीर में ऑक्सीजन स्तर की लगातार निगरानी करते रहनी चाहिए. अगर ज्यादा लक्षण सामने आते हैं और तबियत बिगड़ती है तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए. डॉक्टर से संपर्क करने के बाद जल्दी मदद मिलने से समय पर उपचार सुनिश्चित हो सकेगा.
राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक राणा ए के सिंह ने कहा कि मौसम में बदलाव और प्रदूषण समस्याओं को बढ़ा रहा है. डॉ. राणा ने जोर देकर कहा, "लोग इस मौसम में फ्लू, सर्दी और खांसी से अधिक पीड़ित होते हैं. श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों की समस्या अधिक हो जाती है. ऐसे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
विशेषज्ञों ने कई कारकों समेत प्रदूषण को भी माना जिम्मेदार
इसलिए, अगर समय पर मदद नहीं ली जाती है, तो इसके विपरीत नतीजे उजागर होते हैं." राष्ट्रीय राजधानी में आईसीयू बिस्तरों पर बढ़ते बोझ को देखते हुए, आरएमएल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तीन अस्पतालों सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पताल को आईसीयू बिस्तरों की संख्या बढ़ाने को कहा है.
उन्होंने बताया, "और हम ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं." सर गंगा राम अस्पताल के बोर्ड अध्यक्ष डॉ. डी एस राणा ने कहा कि ऑक्सीजन का स्तर 90 प्रतिशत से नीचे आने और स्थिति गंभीर होने पर मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. उन्होंने कई अस्पतालों में आईसीयू के भरे होने की जानकारी दी. इसके चलते पहले से ही खराब स्थिति के रोगी को लंबे समय तक वार्ड में इंतजार करना पड़ता है और उसकी स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं अधिक बढ़ जाती हैं.
गौरतलब है कि दिल्ली में पिछले 13 दिनों में से सात दिन में कोविड-19 से रोजाना 100 से अधिक मौत हुई हैं. मंगलवार को कुल 109 मौत हुई जबकि सोमवार और रविवार को 121-121 मौत, शनिवार को 111, शुक्रवार को 118, 18 नवंबर को 131 और 12 नवंबर को 104 लोगों की जान गई. 18 नवंबर को अब तक सर्वाधिक एक दिन में 131 मरीजों की मौत हुई.
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राजधानी में मृत्यु दर कम करने के लिए गृह पृथक-वास में रहने वाले कोविड-19 रोगियों का समय पर अस्पताल में भर्ती होना सुनिश्चित किया जाए. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से एम्स और सफदरजंग अस्पतालों में दिल्लीवासियों के लिए 1,000 आईसीयू बेड आरक्षित करने की अपील की.
केजरीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर अत्यधिक भयंकर है, जिसके मुख्य कारकों में प्रदूषण भी शामिल है. दिल्ली में मंगलवार को कोविड-19 के 6,224 नए मामले सामने आए, जबकि 109 और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 8,621 हो गई. राष्ट्रीय राजधानी में 11 नवंबर को अब तक के सर्वाधिक 8,593 नए मामले उजागर हुए थे.
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