मुम्बई : जब से मध्य रेल ने इन अनिश्चित समय के दौरान कर्मचारियों और उनके परिवारों की चिंताओं को कम करने के लिए 'रेल परिवार देख-रेख मुहिम' शुरू की है, एक सप्ताह से अधिक समय से, मध्य रेल के रेल कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों सहित 2 लाख की संख्या पार कर ली है. इस आइडिया की रेलवे बोर्ड ने सराहाना की है और अन्य सभी रेलों ने अपनाया है. इस मुहिम का सभी मध्य रेल कर्मचारियों के साथ नियमित संपर्क में रहना और उनकी स्वास्थ्य स्थिति (उनके परिवार के सदस्यों सहित) का रिकॉर्ड रखते हुए, लॉकडाउन अवधि के दौरान पर्याप्त सहायता प्रदान करना है.


मध्य रेल के महाप्रबंधक संजीव मित्तल ने कहा कि इस अभियान से रेलवे कर्मचारियों के बीच COVID- 19 महामारी और अस्थिरता के खिलाफ चल रही लड़ाई में सहकारी समर्थन उच्च स्तर तक समृद्ध होगा. इस पहल के लिए अन्य विभागों के साथ समन्वय करने वाले मानव संसाधन विभाग की भूमिका ध्यान देने योग्य है.


डॉ ए.के सिन्हा, प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी, मध्य रेल ने कहा कि सभी रेलवे कर्मचारियों और अधिकारियों को संपर्क डायरी बनाए रखने के लिए एक संदेश भेजा गया है, जिसमें वे सोने से पहले, दिन भर संपर्क में आनेवाले लोगों के नाम और उनके विवरणों को सूचीबद्ध करने की सूचना दी है. इससे अगर कोई COVID पॉजिटिव है, तो उसकी हिस्ट्री ट्रैक करने में मदद हो सकेगी. उन्होंने यह भी कहा कि सभी मध्य रेल मंडलों के मंडल रेल प्रबंधकों की संसाधन क्षमता ने 2 लाख के आंकड़े तक पहुंचना संभव बना दिया है.


प्रत्येक कर्मचारी से संपर्क किया गया है और स्थान के अनुसार मैपिंग किया गया है ताकि किसी आपात स्थिति के दौरान मदद जल्दी से उन तक पहुंच सके. इस एक-से-एक संपर्क कार्यक्रम ने मध्य रेल के लगभग सभी कर्मचारियों के अलावा लगभग 50,000 सेवा निवृत्त कर्मचारियों ने 'आरोग्य सेतु ऐप' डाउनलोड किया है. कर्मचारियों के परिवारों को सलाह दी गई है कि आवश्यक सेवाओं को चलाने के लिए फ्रंटलाइन स्टाफ की आवश्यकता होगी और प्रशासन उनकी जरूरतों का ख्याल रखने के लिए उनके साथ है. व्यक्तिगत सुरक्षा और कोविड प्रसार के उपायों की सभी जानकारी सभी कर्मचारियों और उनके परिवारों के साथ साझा की जा रही है.


कॉलोनी केयर समितियों को सक्रिय कर दिया गया है और कर्मचारियों-संघ सदस्यों की मदद से अन्य स्थानीय समितियों का गठन किया गया है और लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों की दिन-प्रतिदिन की जरूरतों का ख्याल रखा जा रहा है. हमारी रेलवे की विभिन्न सहकारी समितियों को सक्रिय कर दिया गया है और ग्रोसरी आदि के प्रावधान के लिए नामित सदस्यों को कॉलोनी वार ड्यूटी सौंपी गई है.


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