राजस्थान के आठ शहरों में नाइट कर्फ्यू का एलान, शहरी क्षेत्रों में रात 10 बजे से बंद रहेंगे बाजार
बयान के अनुसार प्राथमिक स्कूल आगामी आदेश तक बंद रहेंगे. इससे ऊपर की कक्षाओं एवं कॉलेजों में कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुपालन के साथ शैक्षणिक गतिविधियां संचालित होंगी. वहीं विवाह समारोह में 200 लोग एवं अंतिम संस्कार में अधिकतम 20 लोगों को ही अनुमति होगी.
जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्रदेशवासियों की जीवन की रक्षा और आजीविका को सुचारू रखने के लिए जनहित में आवश्यक कदम उठाने का निर्णय लिया है. निर्णय के अनुसार राज्य के सभी नगरीय निकायों में 22 मार्च से रात 10 बजे के बाद बाजार बंद रहेंगे. अजमेर, भीलवाड़ा, जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, सागवाड़ा और कुशलगढ़ में रात 11 से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा.
सीएम गहलोत ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करवाने और विभिन्न समारोहों और कार्यक्रमों में लोगों की संख्या सीमित करने के साथ ही कोविड-19 उपचार और जांच व्यवस्था को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए. जारी दिशा-निर्देशो के अनुसार आगामी 25 मार्च से राजस्थान में बाहर से आने वाले सभी यात्रियों के लिए 72 घंटे के भीतर की आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगी.
इससे पहले केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश से आने वालों के लिए इसकी अनिवार्यता थी. अब सभी राज्यों से आने वालों के लिए इसे अनिवार्य किया गया है. हवाई अड्डा, बस स्टैण्ड तथा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की जांच भी की जायेगी.
जो यात्री निगेटिव रिपोर्ट के बिना आएंगे उन्हें, 15 दिन के लिए क्वारंटीन में रहना होगा. सभी जिला कलेक्टरों को उनके जिलों में संस्थागत क्वारंटीन की व्यवस्था भी फिर से प्रारम्भ करने के लिये निर्देशित किया गया है. एक सरकारी बयान के अनुसार मिनी निषिद्ध क्षेत्र की व्यवस्था फिर से लागू होगी. जहां भी पांच से अधिक संक्रमित मामले सामने आएंगे, वहां उस क्लस्टर या अपार्टमेंट को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया जाएगा. बयान के अनुसार बीट कांस्टेबल की निगरानी में निषिद्ध क्षेत्र का सख्ती से अनुपालन कराया जाएगा.
बयान के अनुसार प्राथमिक स्कूल आगामी आदेश तक बंद रहेंगे. इससे ऊपर की कक्षाओं एवं कॉलेजों में कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुपालन के साथ शैक्षणिक गतिविधियां संचालित होंगी. वहीं विवाह समारोह में 200 लोग एवं अंतिम संस्कार में अधिकतम 20 लोगों को ही अनुमति होगी.
बयान के अनुसार विवाह की सूचना संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट को ई-मेल से भी दी जा सकेगी. प्रशासन के मांगने पर विवाह समारोह से संबंधित वीडियोग्राफी उपलब्ध करानी होगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को चिकित्सा मंत्री डा. रघु शर्मा, प्रमुख शासन सचिव (गृह) अभय कुमार, चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया, चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन सहित अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा की.
गहलोत ने धार्मिक ट्रस्टों, प्रबंध समितियों एवं स्वयंसेवी संगठनों से अपील की है कि वे दर्शन करने वालों के लिए मास्क एवं सेनेटाइजिंग आदि की समुचित व्यवस्था करें. धार्मिक स्थलों पर आयोजित होने वाले उत्सवों, त्यौहारों, मेलों आदि के संदर्भ में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपील की है कि प्रबंध समितियां ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था कराएं. सभी दिशा-निर्देश तुरंत प्रभाव से लागू होंगे.
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