कोरोना की जांच के लिए दिल्ली में रैपिड 'एंटीजन टेस्ट' शुरू, 15 मिनट में पता चलेगा रिज़ल्ट
दिल्ली में आज से रैपिड एंटीजन टेस्ट की शुरुआत कर दी गई है. SDM, CDMO की निगरानी में कंटेनमेंट जोन में टेस्ट किए जा रहे हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना के तेज़ी से बढ़ते मामलों के बीच आज से रैपिड एंटीजन टेस्ट की शुरुआत कर दी गई है. हर जिले के सभी कंटेनमेंट जोन में SDM और CDMO की निगरानी में ये टेस्ट किये जा रहे हैं. फिलहाल ICMR ने इस तकनीक को केवल कंटेनमेंट जोन, अस्पताल और क्वारन्टीन सेंटर के लिए इजाज़त दी है.
इस तकनीक में खास बात ये है कि 15 मिनट के अंदर टेस्ट का रिज़ल्ट आ जाता है जबकि अभी कोविड के टेस्ट रिज़ल्ट आने में करीब 24-48 घन्टे का समय लगता है. माना जा रहा है कि इस तकनीक के प्रयोग से टेस्टिंग की प्रक्रिया तेज होगी. पॉजिटिव केस का पता जल्द चलेगा और लोगों को उसी आधार पर जल्द ट्रीटमेंट भी मिल सकेगा. इस टेस्टिंग तकनीक के तहत कंटेनमेंट ज़ोन में रहने वाले सभी लोग टेस्ट करा सकते हैं. खासतौर पर पॉजिटिव मामलों के प्राइमरी कांटेक्ट और ऐसे लोग जिनमें कोरोना के लक्षण हैं उनके लिए ये टेस्ट ज़रूरी है.
इस टेस्ट में अगर कोई व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे कोविड-19 पॉजिटिव माना जाएगा. अगर किसी की रिपोर्ट निगेटिव आती है और उसमें लक्षण है तो उसकी पुष्टि RT-PCR टेस्ट से की जाएगी. इससे पहले कोरोना संक्रमण की जांच के लिए रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट भी किये गए थे लेकिन रिज़ल्ट में आ रही शिकायतों के चलते रोक लगा दी गई. एंटीबॉडी टेस्ट में ब्लड सैम्पल लिया जाता है जबकि एंटीजन टेस्ट में सैम्पल के लिए नेज़ल स्वाब से लिया जाता है.
किट में मौजूद प्लेट में बने वेल में सैम्पल की 3 ड्रॉप्स डाली जाती हैं. अगर प्लेट पर 2 लाइन बनती हैं तो व्यक्ति पॉजिटिव है और अगर 1 लाइन बनती है तो निगेटिव. इस पूरी प्रक्रिया में करीब 15 मिनट का समय लगता है. गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बैठक के बाद दिल्ली के कंटेनमेंट ज़ोन में कांटेक्ट मैपिंग और टेस्टिंग पर निर्णय लिया गया था. जिसके तहत दिल्ली में टेस्टिंग बढ़ाने पर ज़ोर दिया गया था.
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