लेह: पूर्वी लद्दाख के चुशूल में सीमा पर तनाव कम करने के लिए एक बार फिर भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की बैठक हुई. जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को सुबह 11 बजे शुरू हुई यह बैठक करीब रात दो बजे खत्म हुई. इस बैठक में दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चरणबद्ध तरीके से सेनाओं के पीछे हटाने को लेकर बातचीत की. अधिकारियों ने बताया कि कोर कमांडर स्तर की चौथी बातचीत में एलएसी के पास गतिरोध को कम करने और सैनिकों को पीछे हटाने पर बातचीत हुई.


भारत ने कहा- 5 मई से पहले की स्थिति हो बहाल


सूत्रों के मुताबिक, बैठक में कहा कि सीमा पर 05 मई से पहले की स्थिति बहाल होनी चाहिए. इसके साथ ही भारत ने चीन से मांग की है कि वो अपने सैनिकों को 8 किलोमीटर पीछे वापस फिंगर-8 के उस पार भेजे. चीन के सैनिकों ने अपने जवानों को फिंगर-4 से फिंगर-5 की ओर विस्थापित तो किया है, लेकिन अब तक इस इलाके में मौजूद रिज लाइन से सैन्य मौजूदगी खत्म नहीं की है.






इससे पहले तीन बार हो चुकी है बातचीत


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव कम करने के लिए इससे पहले तीन बार बातचीत हो चुकी है. इससे पहले अंतिम बैठक 30 जून को हुई थी. इस बैठक में दोनों पक्ष गतिरोध दूर करने के लिए प्राथमिकता के साथ जल्द, चरणबद्ध और क्रमिक तरीके से तनाव घटाने पर सहमत हुए थे. लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहली बातचीत छह जून को हुई थी. इस दौरान दोनों पक्ष गलवान घाटी से शुरूआत करते हुए टकराव के सभी स्थानों से धीरे-धीरे पीछे हटने पर राजी हुए थे. वहीं दूसरे दौरे की बातचीत 22 जून को हुई थी.


अजीत डोवाल से भी हुई थी बातचीत


बता दें कि हाल ही में पूर्वी लद्दाख के तमाम इलाकों में सैन्य मौजूदगी कम करने को लेकर भारत के एनएसए अजीत डोवाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच लंबी बातचीत हुई थी. इस बातचीत में पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने पर पूरी सहमति बनी थी.


गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से बढ़ा गतिरोध


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गलवान घाटी में 15 जून की रात को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें एक कर्नल समेत भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. इसके साथ ही खबर आई थी कि इस झड़प में चीन के भी करीब 40 जवान हताहत हुए थे. हालांकि, चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने की खबर से इनकार कर रहा था. वहीं, भारत ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपने सैनिकों की शहादत की खबर को स्वीकार किया था. इस खूनी झड़प के बाद से ही सीमा पर गतिरोध बढ़ गया था.


यह भी पढ़ें- 




Coronavirus: अमेरिका में 35 लाख से ज्यादा संक्रमित, आधे से ज्यादा का अस्पताल में इलाज जारी