नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर ये बात सब जानते हैं कि सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर उनकी जबर्दस्त मौजूदगी है और विश्व के बड़े नेताओं में उनके फॉलोअर सबसे ज्यादा हैं, लेकिन ये सच्चाई कइयों को हैरान कर सकती है कि सोशल मीडिया पर उनकी इस जोरदार लोकप्रियता के लिए एक पाई भी खर्च़ नहीं किया जाता.


ये चौंकाने वाली जानकारी किसी और न नहीं, बल्कि पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) ने एक आरटीआई के जवाब में दी है और ये आरटीआई दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दाखिल की थी.

आरटीआई के जवाब में साफ-साफ कहा गया कि पीएमओ जिन फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब या गूगल अकाउंट की देखरेख करता है उसके के लिए सोशल मीडिया पर न किसी तरह का कैंपेन चलाया जाता है और नहीं कोई पैसा खर्च किया जाता है. 2014 से अब तक एक पैसा भी खर्च नहीं किया गया है.

इसके साथ ही पीएमओ ने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री का आधिकारिक मोबाइल एप ' PMO India ' को छात्रों ने डिजाइन किया है. इसके लिए MyGov and Google ने कॉन्टेस्ट चलाया था. इसमें छात्रों को इनाम राशि दी गई थी और इसे Google ने दिया था. इसे बनाने में इसके अलावा कोई और खर्च नही आया था.
मनीष सिसोदिया को जबाव देते हुए पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय के सोशल मीडिया अकाउंट्स की देखरेख के लिए अगल से कोई बजट नहीं है और न ही किसी तरह का खर्च किया जाता है.

आरटीआई के जवाब में पीएमओ ने ' Narendra Modi App ' को लेकर भी साफ कर दिया कि ये एप न तो पीएमओ और न ही भारत सरकार ने बनाया है और न ही इसके देखरेख की जिम्मेदारी इनके पास है.

आपको बता दें कि ' Narendra Modi App ' को दुनियाभर में लाखों लोगों ने डाउनलोड कर रखा है, जहां वे मोदी के भाषण सुनते हैं और उनसे संवाद करते हैं.

पीएमओ का कहना है कि 'Narendra Modi App' पर भी जनता का पैसा खर्च नहीं किया जाता है. इस एप को बीजेपी आईटी सेल ने बनाया है और वही उसकी देखरेख करती है.

खास बात ये है कि एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक मोदी के ' मन की बात ' के लिए भी ऑल इंडिया रेडियो कुछ भी अलग से खर्च नहीं करता, जबकि उसे विज्ञापन से 4.78 करोड़ की कमाई हुई है.

आपको बता दें कि ट्विटर पर नरेंद्र मोदी के 28 मिलियन फॉलोअर हैं, जबकि फेसबुक पर 40 मिलियन फॉलोअर हैं. दुनिया में किसी भी नेता के इतने फॉलोअर नहीं हैं.