Marion Biotech Licence: उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन (FSDA) ने मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड का दवा उत्पादन का लाइसेंस निलंबित कर दिया है. कंपनी पर यह कार्रवाई कथित तौर उज्बेकिस्तान के 18 बच्चों की मौत के मामले को लेकर की गई है. उत्तर प्रदेश औषधि नियंत्रक एके जैन ने बताया कि उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर उक्त कंपनी का कफ सीरप पीने से बच्चों की मौत होने का मामला सामने आने के बाद इसकी बिक्री पर रोक लगा दी गई थी.


इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मैरियन बायोटेक के बनाए गए दो कफ सिरप का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी थी. WHO ने बुधवार (11 जनवरी) को एक मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट में कहा कि मैरियन बायोटेक में बने 2 कफ सिरप, ऐसे प्रोडक्ट हैं जो गुणवत्ता मानकों या विशिष्टताओं को पूरा करने में विफल रहे हैं और इसलिए उपयोग करने में खतरनाक हैं. 


रिपोर्ट आने से पहले हुई कार्रवाई


उज्बेकिस्तान में कफ सिरप पीने से कथित पर तौर 18 बच्चों की मौत के बाद मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड में दवा उत्पादन और बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाई गई थी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO), मेरठ के खाद्य और औषधि प्रशासन ने संयुक्त कार्रवाई में कंपनी से दवाओं के 32 नमूने लिए हैं. इनकी जांच के लिए इन्हें रीजनल ड्रग्स लैब रेगुलेटरी (RTDL) चंडीगढ़ भेजा गया था. अभी तक इनकी रिपोर्ट नहीं आई है.


कंपनी नहीं दे सकी थी जरूरी जानकारी


उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन ने बताया कि अगले आदेश तक कंपनी का लाइसेंस निलंबित किया गया है. गौतमबुद्धनगर के औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, "मैरियन बायोटेक को FSDA ने फर्म से दवा उत्पादन में इस्तेमाल जरूरी रॉ मैटेरियल, दवा बिक्री के रिकार्ड के संबंध में जानकारी मांगी थी. कंपनी की ओर से समय पर जानकारी नहीं दी गई. जिसके बाद कंपनी का दवा उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है.''


WHO ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा?


WHO ने अपनी वेबसाइट पर जारी अलर्ट में कहा, "यह मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट दो घटिया प्रोडक्ट को लेकर है और उज्बेकिस्तान में पहचाना गया है. इसे 22 दिसंबर 2022 को WHO को रिपोर्ट किया गया. दो प्रोडक्ट एम्बरोनॉल सिरप और डीओके-1 मैक्स सिरप हैं. दोनों प्रोडक्ट्स का घोषित निर्माता मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड (उत्तर प्रदेश, भारत) है. कथित निर्माता ने इन प्रोडक्ट की सुरक्षा और गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ को गारंटी नहीं दी है.


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