नई दिल्ली: देश की सड़कों पर होने वाली करीब 20 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं नकली कलपुर्जों की वजह से होती हैं. इतना ही नहीं, बाजार में बिकने वाले करीब 30 फीसदी एफएमसीजी उत्पाद भी नकली होते हैं. फिर भी 80 फीसदी ग्राहक मानते हैं कि वह असली उत्पाद इस्तेमाल कर रहे हैं. फिक्की कास्केड ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही है. उद्योग मंडल फिक्की ने कहा कि नकली उत्पादों का ग्राहकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इसे लेकर सिर्फ ग्राहकों में ही नहीं बल्कि सांसदों और जांच एजेंसियों के बीच भी जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है. फिक्की कास्केड तस्करी और नकली वस्तुओं के मुद्दे पर काम करने वाला उद्योग संगठन है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जालसाजी और अवैध कारोबार से सरकारी खजाने को राजस्व की बड़ी हानि होती है.


फिक्की के मुताबिक सड़कों पर होने वाले करीब 20 फीसदी हादसे नकली कलपुर्जों के कारण होते हैं. यही नहीं बाजार में बिकने वाली करीब 30 फीसदी एफएमसीजी वस्तुएं भी नकली हैं. हालांकि 80 फीसदी ग्राहकों को लगता है कि वे असली उत्पाद इस्तेमाल कर रहे हैं. उद्योग मंडल ने कहा कि जालसाजी और तस्करी जैसी चीजें एक स्थायी समस्या हैं और इससे उद्योग, सरकार, अर्थव्यवस्था, ग्राहकों का स्वास्थ्य एवं सुरक्षा प्रभावित होती है.


फिक्की कास्केड ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि नकली और तस्करी के बाजार से सरकार को 39,239 करोड़ रुपये की राजस्व हानि हुई. तंबाकू उत्पादों से 9,139 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि मोबाइल फोन के अवैध कारोबार से 9,705 करोड़ रुपये और एल्कोहल युक्त पेय के अवैध कारोबार से 6,309 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है.