चंडीगढ़: पंजाब में 117 शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरू हो गई है. इस चुनाव में कुल 2,252 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना है. वोटों की गिनती के लिए सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं. बूथ कैप्चरिंग और झड़प के आरोपों के बीच, राज्य में 14 फरवरी को 39,15,280 मतदाताओं के मत डालने के साथ 71.39 प्रतिशत मतदान हुआ था.
मोहाली में अनियमितताओं की रिपोर्ट के कारण दो बूथों में रिपोलिंग के बाद नगर निगम के लिए मतगणना गुरुवार को होगी. शहरी स्थानीय निकायों में मुख्य मुकाबला कांग्रेस, विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के बीच है.
विवादित केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध का सामना कर रही भाजपा भी मैदान में है. यह अकालियों के बिना दो दशकों में पहली बार चुनाव लड़ रहा है, जो कि एनडीए के सबसे पुराने सहयोगी हैं, जिन्होंने कृषि कानूनों को लेकर पार्टी से किनारा कर लिया. कस्बों और शहरों के स्थानीय मुद्दे भी चुनाव प्रचार के दौरान हावी रहे थे.
सात नगर निगमों अबोहर, बठिंडा, बटाला, कपूरथला, होशियारपुर, पठानकोट और मोगा - और 109 नगरपालिका परिषदों और नगर पंचायतों के लिए मतगणना शुरू हुई. 2,302 वार्ड के लिए कुल 9,222 उम्मीदवार मैदान में थे.
राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले ये चुनाव अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के लिए एक 'सेमीफाइनल' हैं, जो कृषि कानूनों के खिलाफ लोगों की नाराजगी को अपनी भुनाने की कोशिश में है.
मतगणना की पूर्व संध्या पर, एक मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने चुनाव में धांधली के आरोप पर भाजपा और आप पर निशाना साधा. मुख्यमंत्री ने कहा, "इन चुनावों में यह उनकी घबराहट की प्रतिक्रिया है." अमरिंदर सिंह ने कहा कि इन सभी दलों ने पंजाब को बर्बाद करने के लिए एक साथ काम किया है. काला कृषि कानून इसमें नवीनतम है.
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