नई दिल्लीः भारत में शहीद दिवस को एक साल में अलग-अलग दिनों पर मनाया जाता है. जिसमें से सबसे मुख्य 30 जनवरी, 23 मार्च, 21 अक्टूबर, 17 नवम्बर और 19 नवम्बर है. देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथी के रूप में 30 जनवरी को शहीद दिवस में मनाया जाता है. वहीं आज 23 मार्च के दिन भारत मां के वीर सपूत भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दिए जाने के रूप में शहीद दिवस मनाया जा रहा है.
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान को याद कर रहा देश
देश की आजादी के लिए भारत मां के कई वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुती दी थी. जिसमें से भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु भी एक हैं. अंग्रेजी शासन की हुकूमत के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए उन्होंने ‘पब्लिक सेफ्टी और ट्रेड डिस्ट्रीब्यूट बिल’ के विरोध में सेंट्रल असेंबली में बम फेंके थे. जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और फांसी की सजा दे दी गई.
आज के ही दिन दी गई थी फांसी
अंग्रेजों से अजादी के लड़ाई लड़ते हुए उन्होंने लहौर में सांडर्स की गोली मार कर हत्या कर दी थी. आज भी देश भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का बलिदान नहीं भूला है. 23 मार्च के दिन शहीद दिवस के दिन स्कूलों और कॉलेजों में कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है.
बता दें कि 21 अक्टूबर के दिन साल 1959 में केन्द्रीय पुलिस बल के जवान लद्दाख में चीनी सेना के एक एंबुश में शहीद हुए थे. इस कारण 21 अक्टूबर को पुलिस की ओर से शहीद दिवस मनाया जाता है. वहीं 17 नवंबर को लाला लाजपत राय की स्मृति में ओडिशा में शहीद दिवस मनाया जाता है. इसके अलावा रानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिन के दिन 19 नवंबर को भी शहीद दिवस मनाया जाता है.
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