हैदराबाद: दंपति ने अपनी जुड़वा बेटियों के साथ 90 दिनों की सड़क यात्रा की जिसमें उन्होंने 15 राज्यों को कवर किया. गंगाधर नाम के शख्स ने बताया कि वो एक कॉर्पोरेट क्षेत्र में पिछले 17 सालो से थे लेकिन अब उन्होंने 2018 में नौकरी को छोड़ फुल टाइम ट्रैवर्लर बन गए. उनका कहना है कि वो उत्तर-पूर्व भारत और भूटान में को बहुत अच्छे से समझते है. पिछले साल उन्होंने 7 महीनों में उत्तर पूर्व भारत घूमा था. चार महीने वो परिवार के साथ घूमे थे, वहीं 3 महीने अकेले.


उन्होंने बताया कि बहुत साल पहले वो और उनकी पत्नी घूमने के बहुत शौकीन हुआ करते थे. दो जुड़वा बेटी होने के बाद भी हमने घूमना कभी बंद नहीं किया. और हम बच्चों को साथ लेकर घूमा करते थे. हम कभी भी बच्चों को वजह नहीं बनने देना चाहते थे कि उनके चलते हमने घूमना बंद कर दिया. बेटियां 6 महीने की थी जब हम पहली बार उनको लेकर बाहर घूमने के लिए गए. और धीरे-धीरे ऐसे ही चलता रहा.


उन्होंने बताया कि बाहर निकलना और नई जगह देखना उसे समझना बेटियों को वो सीखने को मिला जो उन्हें एक स्कूल में कभी भी नहीं मिलेगा. हम दरअसल, रोड-स्कूलिंग पर थे. बच्चों ने इस दौरान बहुत कुछ सीखा. अगर कोई ये समझता है कि सिक्षा और जानकारी केवल चार दीवारों के अंदर ही हासिल की जा सकती है तो वो बहुत बड़ी गलत फहमी में जी रहा है. क्योंकि ऐसा बिल्कुल नहीं है.


हमारे बच्चों ने मौसम को समझा, वातावरण को समझा, लोगों के व्यवहार को समझा, तौर-तरीकों की समझ आई, भाषाओं को समझा साथ ही इंसानियत को समझा.


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