नई दिल्लीः कल 10 मई को जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में युवा अधिकारी लेफ्टिनेंट उमर फैयाज का गोलियों से छलनी शव मिला था. पूरे देश में आतंकियों की इस हरकत की निंदा हो रही है. फैयाज के साथ पढ़ाई कर चुके और उनके कोर्स मे साथ रहे एक दोस्त ने आज एक खुला खत लिखा है. इसमें उन्होंनें उनको याद किया है, साथ ही आतंकवादियों और पाकिस्तान के हाथों में खेल रहे कश्मीर की तथाकथित आजादी के पैरोकारों को आईना दिखाया है.
उनके दोस्त ने चिट्ठी में लिखा 'फैयाज भाई, तुम्हें हम हमेशा याद करेंगे, तुम्हारी हंसी, जिंदगी जीने का तरीका कभी नहीं भुलाएंगे. क्या आप लोग जानते हैं कि वो कैसा था, मैं बताता हूं. वो पूर्व एनडीए कैडेट, बेहद आकर्षक व्यक्तित्व, स्मार्ट, सुलझा हुआ और साफ छवि की शख्सियत था. उसकी आंखों में हजारों सपने थे और अपने घर पर बड़ी परेशानियां झेलने के बावजूद वो कभी दिखाता नहीं था. उसके पिता किसान हैं जिनका सेब का छोटा सा कारोबार है. फैयाज भी कश्मीर के बाकी युवा लड़के-लड़कियों की तरह घाटी में शांति और स्थिरता के सपने देखता था. अपने शहर, अपने देश के लिए बहुत कुछ करना चाहता था, मैं और वो खेलों, डिबेट में मुकाबला करते थे और वो मुझे जीतने देता था ये कहकर कि 'मैं जिंदगी की जंग जीतूंगा'. हां फैयाज वाकई तुमने ये जंग जीतकर दिखाई और उन कश्मीरियों के लिए ये गर्व का पल है जो तुम्हारे साथ खड़े थे.
फैयाज आने वाली सितंबर 2017 में यंग ऑफिसर्स कोर्स के लिए जाने वाला था, एनडीए की हॉकी टीम का हिस्सा था और बेहतरीन वॉलीबॉल प्लेयर था. उसके साथ रहना ट्रूप्स को पसंद था और वो उनको हमेशा हंसाता रहता था. शरीर से मजबूत था और सबकी मदद करने को हमेशा तैयार रहने वाला दिल था उसके पास.
देश पर शहीद हो चुके लेफ्टीनेंट उमर फैयाज को दोपहर 1 बजे दफनाया गया. शहीद फैयाज के सुपुर्दे खाक में करीब 4000 स्थानीय निवासी और 2 कमांडिंग ऑफिसर समेत 250 सेना के लोग शामिल थे. उसको गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और सैनिकों ने बंदूकों के राउंड दागकर उसे सलामी दी. उसके जाने से ऐसा लगता है कि मेरा ही एक हिस्सा मुझे छोड़कर चला गया हो. वो सिर्फ मेरा सहपाठी ही नहीं मेरा भाई था और उसकी मौत की खबर सुनकर मेरी मां और बहन सुबह से रात तक रोती रहीं.
लेकिन आखिर फैयाज का कसूर क्या था? सेना में भर्ती होना? ऐसा तो नहीं लगता. जितने भी मेरे पाकिस्तान परस्त दोस्त हैं शायद वो बता पाएं कि उसको क्यों मार डाला? क्या कश्मीर की अवाम चाहती थी कि वो मारा जाए? हर्गिज नहीं ! मेरा दिल इन सब सवालों से बेहाल है. सुबह से वो सारे लोग कहां छुपे हैं जो पाकिस्तान की सिखाई बोली बोलते हैं और उसके हाथों की कठपुतली बने हुए हैं. आपकी टिप्पणियों और चिंतन का इंतजार है.
फैयाज ने आखिर किया क्या था? वो जवान आपके तथाकथित आजादी के लड़ाकों को मारने नहीं निकला था तो उसके साथ ऐसा सलूक क्यों किया? अब आपकी इंसानियत, कश्मीरियत, सूफियत वगैरह-वगैरह कहां गई? क्या वो सिर्फ भारतीय सेना के लिए है? फिर एक बार ये साबित हो गया है कि आतंकी कश्मीर के लिए बल्कि खुद के लिए ये सब कर रहे हैं और हमारे लिए दिक्कतें खड़ी कर गिलानी, मीरवाइज और मलिक जैसे लोगों की जेब भर रहे हैं.
झूठे बुद्धिजीवी और राजनेता जैसे शबनम लोन, समीर कौल, महान अबदुल्ला, विधायक इंजीनयर रशीद और हुर्रियत के लोग और वो तमाम पत्थरबाजी करने वाले लोग, अगर तुममें जरा भी आत्मा बची हो तो जागो, या तुममें जमीर बचा ही नहीं है. फैयाज की बहन तुमसे जवाब मांग रही है. क्या तुम सुन नहीं सकते. हम ऐसे कतई नहीं हैं और निंदा का ये तरीका तो बिलकुल नहीं देख सकते. फैयाज के साथ ऐसा सलूक करके तुमने कश्मीर के नाम पर जो शर्म और दाग लगाया है, क्या तुम उसे धो सकोगे? कम से कम इंसानियत के नाम पर कुछ तो शर्म करो. कोशिश तो करो !
फैयाज...भाई ईश्वर तुम्हारी आत्मा को शांति दे !
लेफ्टिनेंट फैयाज अहमद की आतंकवादियों ने अगवा कर हत्या की थी
आतंकवादियों ने अखनूर में राजपूताना राइफल्स में सेवारत 22 वर्षीय कश्मीरी सैन्य अधिकारी को अगवा कर उनकी हत्या कर दी. फैयाज छुट्टियों पर थे और कुलगाम में एक पारिवारिक विवाह समारोह में शामिल होने गए थे. आतंकवादियों ने मंगलवार शाम को फैयाज को अगवा कर लिया था. सेना में डॉक्टर रहे फयाज के शव पर बुलेट के 2 निशान मिले. उनके परिजनों ने अपहरण की जानकारी पुलिस को नहीं दी थी. शव मिलने के बाद ही मामले का खुलासा हुआ है. माना जा रहा है कि आतंकियों के डर से पुलिस को सूचना नहीं दी गई.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लेफ्टिनेंट उमर फयाज का शव शोपियां जिले के हरमन चौक पर मिला था. सेना में डॉक्टर लेफ्टिनेंट उमर फयाज कश्मीर के कुलगाम के रहने वाले थे. जम्मू के अखनूर में राजपुताना राइफल्स में तैनात फयाज दिसंबर 2016 में ही सेना में भर्ती हुए थे. सेना सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, फयाज छुट्टी में अपने घर आया था और शादी में शामिल होने के लिए शोपियां गया हुआ था. अपने इलाके में युवाओं के बीच लेफ्टिनेंट फयाज काफी लोकप्रिय थे.
कश्मीर: शोपियां में सेना अधिकारी का शव मिला, आतंकियों ने की बेरहमी से हत्या
J&K : शोपियां में सेना अधिकारी का शव मिला, आतंकियों ने अपहरण के बाद हत्या की