यह आदेश न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप शाही और संजय हरकौली की पीठ ने स्थानीय अधिवक्ता अजमल खां की याचिका पर जारी किया है. अजमल खां ने अपनी याचिका में कहा है कि कई राजनीतिक दल उनके एजेंट और वक्ता पार्टियों की सहमति से धर्म आधारित अपील कर रहे हैं जो जन प्रतिनिधि अधिनियम के खिलाफ है. इससे सामाजिक समरसता बिगड़ने की भी आशंका रहती है.
अदालत ने चुनाव आयोग से इस संबंध में अदालत से सहयोग करने तथा कल तक यह बताने को कहा कि वह इस मामले में क्या कदम उठा सकता है ताकि चुनावी माहौल बिगाड़ने की आशंका वाले भड़काऊ भाषण बंद कराये जा सकें.