अहमदाबाद: गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य की पूर्व मंत्री माया कोडनानी से यह समझाने के लिए कहा कि 2002 के नरोडा पाटिया दंगा मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सहित दूसरों गवाहों को सम्मन करने की उनकी अर्जी क्यों जरूरी है.


कोडनानी को एक निचली अदालत ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान 96 व्यक्तियों के नरसंहार से संबंधी नरोडा पाटिया मामले में दोषी ठहरायाहै. अब इस मामले में अपीलों की सुनवाई कर रहा है.


न्यायमूर्ति हष्रा देवानी और न्यायमूर्ति ए एस सुपेहिया की एक खंडपीठ ने कोडनानी के वकील हषर्द दवे से कहा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सहित आठ व्यक्तियों को बचाव पक्ष के गवाह के तौर पर सम्मन करने की अर्जी पर पुनर्विचार करें और कल जवाब दें. दलीलों के दौरान कोडनानी के वकीलों ने शाह और दो अन्य के गवाहों के तौर पर पेश होने पर जोर नहीं दिया.


अदालत ने कहा कि अर्जी पर उसके आदेश का नरोदा गाम दंगा मामले में कुछ प्रभाव होगा जिसमें कोडनानी एक आरोपी हैं और जिस पर वर्तमान में एक विशेष अदानत सुनवाई कर रही है.


अदालत ने कोडनानी के वकील से इस पर विचार करने के लिए कहा कि क्या अर्जी आवश्यक है. अदालत ने मामले की सुनवायी कल तक के लिए स्थगित कर दी. दंगा मामले की जांच करने वाले विशेष जांच दल ने कोडनानी की अर्जी का विरोध किया.