Sanjay Raut News: 'मुझे सांस लेने में होती है दिक्कत, बिना खिड़की वाले कमरे में रखा', कोर्ट में संजय राउत ने लगाए ED पर आरोप
Sanjay Raut ED Custody: मुंबई की विशेष अदालत ने शिवसेना सांसद संजय राउत की ईडी को दी गई कस्टडी को फिर से बढ़ा दिया है.
Money Laundering Case: मुंबई की एक विशेष अदालत ने शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) की प्रवर्तन निदेशालय (ED) को दी गयी हिरासत को आठ अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है. उन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया था. वहीं इस दौरान संजय राउत ने ईडी पर कुछ गंभीर आरोप भी लगाए.
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के जरिए गिरफ्तार किए गए शिवसेना नेता संजय राउत ने मुंबई की विशेष अदालत को बताया कि हिरासत के दौरान केंद्रीय एजेंसी ने उन्हें उस कमरे में रखा, जिसमें कोई खिड़की नहीं है. कोर्ट ने जब संजय राउत से सवाल किया कि क्या आपको ED के खिलाफ शिकायत है? इस पर शिवसेना नेता ने कोर्ट को बताया कि जहां मुझे रखा जाता है वहां वेंटिलेशन नहीं है. मुझे हार्ट की प्रॉब्लम है, इस वजह से सांस लेने में दिकत होती है. ये वेंटीलेशन न होने की वजह से हो रही है.
सिर्फ एक पंखा लगा
राउत ने ये भी कहा कि उन्हें रात में जहां रखा जाता है, वहां एक पंखा है. कोर्ट ने इसे गंभीर बताते हुए ईडी से सवाल किए. संजय राउत के आरोपों पर प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से कहा गया कि इन्हें (संजय राउत) एसी में रखा जा रहा है. इस पर कोर्ट ने राउत से पूछा कि क्या वहां एसी लगा है, इस पर संजय राउत ने कहा कि मैंने नहीं देखा, वहां एक पंखा है. राउत ने ये भी कहा कि मैं एसी नहीं चलाता हूं, क्योंकि मुझे सांस लेने में दिक्कत होती है. जिस पर कोर्ट ने ईडी से पूछा कि कोई दूसरा रूम है, जहां वेटिलेशन मिल सके.
ये भी पढ़ें- Sanjay Raut News: ईडी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को भेजा समन, पूछताछ के लिए बुलाया
कोर्ट ने बढ़ाई हिरासत
अदालत ने हिरासत अवधि बढ़ाते हुए कहा कि ईडी ने जांच में ‘‘काफी प्रगति’’ की है. केंद्रीय एजेंसी ने उपनगर गोरेगांव में पात्रा ‘चॉल’ के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं और उनकी पत्नी तथा कथित साथियों के संपत्ति से जुड़े वित्तीय लेनदेन के संबंध में राउत को रविवार मध्यरात्रि को गिरफ्तार किया था. अदालत ने राउत को सोमवार को चार अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था. हिरासत खत्म होने के बाद ईडी ने राउत को धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) अदालत के न्यायाधीश एम. जी. देशपांडे के समक्ष पेश किया और आगे की जांच के लिए उनकी हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया.