(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
DU के प्रोफेसर को मिली जमानत, कोर्ट ने कहा- किसी 1 की भावना आहत होने का मतलब ये नहीं कि पूरे समुदाय की भावना आहत हुई
सीएमएम ने अपने आदेश में ये भी कहा कि मैं ख़ुद हिंदू धर्म को मानने वाला हूं और मेरी नज़र में ये पोस्ट अप्रिय और विवादित विषय पर की गई गैरज़रूरी टिप्पणी ही है.
सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट के लिए गिरफ्तार किए गए दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल को अदालत से जमानत मिल गई है. साथ ही साथ कोर्ट की तरफ से प्रोफेसर रतन लाल को ये हिदायत भी दी गई है कि वे इस विवादित मुद्दे पर न तो किसी प्रकार की पोस्ट सोशल मीडिया पर डालेंगे और न ही इस विषय पर मीडिया को इंटरव्यू देंगे. अदालत ने उन्हें 50 हज़ार के मुचलके और इतनी ही जमानती राशि पर जमानत दी है. हालांकि अदालत के समक्ष बहस करते हुए दिल्ली पुलिस की ओर से प्रोफेसर रतन लाल को 14 दिन के न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की थी.
चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट(सेंट्रल) सिद्धार्थ मलिक ने प्रोफेसर रतनलाल को ज़मानत के आदेश में कहा है कि भारतीय सभ्यता दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से है. इस देश की सभ्यता सभी धर्मों को मानने वालों के लिए उदार रही है. 130 करोड़ से ज़्यादा की आबादी वाले इस देश में सबकी अपनी सोच है. किसी एक की भावना आहत होने का मतलब ये नहीं होता कि पूरे समुदाय की भावना आहत हो गई हो. इस बारे में अगर कोई शिकायत होती है, तो उसे भी समग्र रूप में देखने की ज़रूरत है.
सीएमएम ने अपने आदेश में ये भी कहा कि मैं ख़ुद हिंदू धर्म को मानने वाला हूं और मेरी नज़र में ये पोस्ट अप्रिय और विवादित विषय पर की गई गैरज़रूरी टिप्पणी ही है. किसी दूसरे की नज़र में ये पोस्ट शर्मनाक हो सकती है. लेकिन हो सकता है कि वो उसे समुदाय के लिए नफरत भरी न माने. सबकी अपनी अपनी राय हो सकती है.
इसमे कोई दो राय नहीं है कि लोगों की संजीदगी को देखते हुए आरोपी ने गैरज़रूरी पोस्ट की. हालांकि ये पोस्ट निंदनीय है, लेकिन इसके बावजूद इसे समुदायों के बीच नफ़रत फैलाने वाली नहीं कहा जा सकता. क्योंकि पुलिस को शांति व्यवस्था बनाए रखनी है, इसलिए उनका एक्शन समझ में आता है, लेकिन इस कोर्ट के लिए पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश देने के लिए उच्च मापदंड हैं. लिहाजा कोर्ट को नहीं लगता है कि आरोपी को जेल भेजने की ज़रूरत है. आरोपी को ज़मानत दी जाती है. साथ ही आरोपी को ये हिदायत भी दी जाती है कि इस विवादित विषय को लेकर आगे कोई सोशल मीडिया पोस्ट न करे/ मीडिया में इंटरव्यू देने से बचे.