लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान गिरफ्तार किए गए कांग्रेस कार्यकर्ता सदफ जफर, एस आर दारापुरी और 13 अन्य को जमानत मिल गई है. सदफ, पूर्व आईपीएस अधिकारी दारापुरी और अन्य से 50-50 हजार रूपये की जमानत राशि और इतनी ही राशि का निजी मुचलका भरने को कहा गया है.


19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करने को लेकर सभी को गिरफ्तार किया गया था. हजरतगंज पुलिस ने जफर और अन्य पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रापर्टी एक्ट 1984 व क्रिमिनल लॉ (अमेंडमेंट) एक्ट, 1932 भी शामिल है.


जफर के खिलाफ प्राथमिकी को रद्द करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें उसकी गिरफ्तारी को अवैध बताया गया. हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार से इस याचिका पर दो हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है.


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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने जफर और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी दारापुरी की गिरफ्तारी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की निंदा की और कहा कि सरकार ने 'अमानवता की सभी हदें पार' कर दीं. जफर के दो नाबालिग बच्चे हैं. प्रियंका गांधी बीते सप्ताह लखनऊ में जफर व दारापुरी के घर गई थीं. 19 दिसंबर के प्रदर्शन के बाद से 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है.


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