पुणे: पुणे की एक कोर्ट ने लंदन स्थित एक आईटी पेशेवर महिला याचिकाकर्ता को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये सुनने के बाद एक प्रवासी भारतीय दम्पति को तलाक की मंजूरी दे दी. दम्पति ने पुणे की दीवानी कोर्ट में 12 अगस्त 2016 को हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13 बी के तहत आपसी सहमति से तलाक की अर्जी दायर की थी.


दो महीने के भीतर ही पति-पत्नी में हो गया मतभेद


महिला याचिकाकर्ता के वकील सुचित मुंददा ने कहा, ‘‘दम्पति आईटी पेशेवर हैं जिनका मई 2015 में विवाह हुआ था. विवाह के मुश्किल से दो महीने के भीतर ही दोनों के बीच मतभेद उभर गए और वे अलग अलग रहने लगे.’’ उन्होंने कहा कि उनकी मुवक्किल कोर्ट की सुनवायी के लिए लंदन से नहीं आ सकती क्योंकि उनकी नौकरी की शर्तें उन्हें वहां से हटने की अनुमति नहीं देती.


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