Satyendar Jain-Poonam Jain: मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन की नई जमानत याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने यह सुनवाई अब 23 अगस्त के लिए आगे बढ़ा दी है. जबकि पत्नी पूनम जैन की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. सत्येद्र जैन की नई याचिका पर कोर्ट ने आंशिक रूप से दलीलें सुनी. आगे की दलीलें 23 अगस्त को सुनने के लिए टाल दीं. साथ ही विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने पूनम जैन को दी गई अंतरिम जमानत को अगली सुनवाई की तारीख तक जारी रखने का आदेश दिया है. कोर्ट ने अन्य दो आरोपी अजीत प्रसाद जैन और सुनील कुमार जैन की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है.


6 अगस्त 2022 को कोर्ट ने पूनम जैन को अंतरिम जमानत दी थी कि जांच के दौरान पूनम जैन, सुनील कुमार जैन और अजीत कुमार जैन को गिरफ्तार नहीं किया गया था. ईडी अपनी ओर से पहले ही आरोप पत्र दायर कर चुका था. चार्जशीट के मुताबिक दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन समेत 10 आरोपी यानी चार निजी फर्म और छह लोग इसमें अन्य आरोपी हैं. सत्येंद्र जैन, अंकुश जैन और वैभव जैन को जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था. ये सभी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में रखे गए हैं. शनिवार को अदालत ने दो अन्य गिरफ्तार आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका पर आंशिक दलीलें सुनीं. शनिवार को कोर्ट ने पूनम जैन की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. इस बीच सत्येद्र जैन की जमानत के लिए नई अर्जी दाखिल की गई. जिस पर कोर्ट ने आंशिक रूप से दलीलें सुनी. आगे की दलीलें अब मंगलवार को सुनी जाएंगी.


यह है पूरा मामला


प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग प्रकरण में दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य को नामजद करते हुए अभियोजन शिकायत दाखिल की थी. इस शिकायत में सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, अजीत प्रसाद जैन और सुनील जैन सहित चार निजी फर्मों को आरोपी बनाया गया. इन आरोपियों पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धाराओं का उल्लंघन करने का आरोप है. ईडी ने 6 जून को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी करके सत्येंद्र जैन के सहयोगियों से 2.85 करोड़ नकद और 1.80 किलोग्राम वजन वाले 133 सोने के सिक्के जब्त किये. इन छापों में आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड भी जब्त किए गए. आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधियनिमय 1988 के तहत कार्रवाई की गई.


2014 से लेकर 2017 के बीच आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप


सीबीआई ने 3 दिसंबर 2018 को चार्जशीट दायर की थी. जिसमें उल्लेख किया गया कि सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी 2014 से लेकर 31 मई 2017 के बीच दिल्ली सरकार में मंत्री पद पर रहते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित की. इसीलिए सत्येंद्र कुमार जैन और अन्य सभी आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (Prevention of Corruption Act 1988) के तहत अपराध करने का आरोप लगाया गया.


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