Justice DY Chandrachud: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पिछले कुछ समय से जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) कानूनी कार्यवाही के दौरान टेक्निकल इस्तेमाल की वकालत कर रहे हैं. वहीं जस्टिस चंद्रचूड़ ने कोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल पर एक दिलचस्प टिप्पणी की. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, ने इस संबंध में मंगलवार को अपना एक वाकया भी सुनाया.
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा,"कल, मैंने किसी को मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए देखा, शायद कार्यवाही के दौरान हम जो कह रहे थे उसे रिकॉर्ड कर रहे थे. शुरू में, मैंने सोचा, वह कार्यवाही कैसे रिकॉर्ड कर सकता है? लेकिन फिर, मेरा विचार बदल गया इसमें क्या बड़ी बात है? यह एक खुली अदालत सुनवाई है यहां कुछ भी गोपनीय नहीं है,"
मानसिकता बदलनी चाहिए- जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
उन्होंने कहा कि मानसिकता बदलनी चाहिए और न्यायाधीशों को पारंपरिक दृष्टिकोण अपनाने के बजाय आज के समय का दृष्टिकोण अपनाना होगा. जस्टिस चंद्रचूड़ ने हालांकि कहा कि जजों की चर्चा आपस में रिकॉर्ड करने से बचना चाहिए.
चीफ जस्टिस बनने की रेस में सबसे आगे हैं जस्टिस चंद्रचूड़
बता दें कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ इस साल नवंबर में भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने की रेस में सबसे आगे हैं और सर्वोच्च न्यायालय के ई-समिति प्रमुख भी हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ ने ही न्यायपालिका को सुप्रीम कोर्ट से ट्रायल कोर्ट के स्तर पर वर्चुअल-हाइब्रिड मोड की कार्यवाही में स्थानांतरित किया. इस वजह से ही न्यायपालिका COVID-महामारी के समय के दौरान वर्चुअल-हाइब्रिड मोड चलाई जा सकीं. गौरतलब है कि उस समय अदालतें फिजिकल मोड में सुनवाई के लिए बंद थीं.जस्टिस चंद्रचूड़ की देखरेख में ही देश की कोर्ट में ई-फाइलिंग सिस्टम की शुरूआत हुई.
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