नई दिल्लीः मोदी सरकार के मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित चौबे की अग्रिम जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी. अर्जित चौबे पर भागलपुर में हिंसा भड़काने का आरोप है और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट भी जारी हो चुका है. कोर्ट के इस फैसले के साथ ही अर्जित पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.
बिहार पुलिस ने 153A और 295A के दो धाराओं के तहत अर्जित चौबे पर एफआईआर दर्ज किया है. उनके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट भी जारी हो चुका है लेकिन अबतक अर्जित चौबे की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है. बिहार पुलिस उन्हें इनकी तलाश में है.
अश्विनी चौबे ने FIR को बताया रद्दी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बिहार के भागलपुर में दंगा भड़काने के आरोपी अपने बेटे अर्जित सारस्वत पर केस दर्ज किए जाने का बचाव किया है. उन्होंने अपने बेटे को बेकसूर बताया है और एफआईआर को कूड़ा कह दिया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों ने अर्जित पर झूठा मामला बनाया है.
क्या है अर्जित चौबे पर आरोप?
बीते 17 मार्च को भागलपुर में प्रशासन की इजाजत के बगैर झांकी निकालने के मामले में दर्ज प्राथमिकी में अर्जित को नामजद किया गया है. अर्जित के पिता अश्विनी कुमार चौबे भाजपा के नेता और केंद्र में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री हैं.
हिंदू नव वर्ष की पूर्वसंध्या पर भारतीय नव वर्ष जागरण समिति की ओर से झांकी निकाली गई थी. इससे जिले के नाथनगर पुलिस थाना क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव हो गया था. इस घटना में दो पुलिसकर्मी सहित कुछ अन्य लोग जख्मी हो गए थे.