दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को भाजपा सांसद मेनका गांधी की उस याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा जिसमें उन्होंने एक निचली अदालत के उनके और दो अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एजेंसी की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करने और मामले में आगे की जांच का निर्देश देने वाले फैसले को चुनौती दी है.
न्यायमूर्ति ने सीबीआई को नोटिस जारी किया
न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए मेनका गांधी की याचिका पर उनसे अपना रुख पेश करने के लिए कहा. साथ ही, न्यायाधीश ने विशेष अदालत के बीते चार फरवरी के आदेश के उस हिस्से पर रोक लगा दी जिसमें जांच एजेंसी को मेनका गांधी के खिलाफ अभियोजन के लिए मंजूरी देने वाले प्राधिकार के सामने दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया गया है.
अदालत ने एजेंसी को दिया था जांच करने का निर्देश
2006 में भाजपा नेता और दो अन्य व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार मामले के अनुसार, उन्होंने फर्जी तरीके से एक ट्रस्ट को अनुदान के रूप में 50 लाख रुपये की मंजूरी दी थी. विशेष सीबीआई अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्टया उसका मानना है कि यह एक लोक सेवक द्वारा आपराधिक साजिश और आपराधिक कदाचार है. अदालत ने जांच एजेंसी को मामले की आगे जांच करने का निर्देश दिया था.
सीबीआई ने 2008 में दाखिल की थी क्लोजर रिपोर्ट
सीबीआई ने 2008 में ही मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी और विशेष अदालत ने तब इसे खारिज कर दिया था और आगे की जांच के आदेश दिए थे. उच्च न्यायालय को सूचित किया गया कि इसके बाद, उसने फिर से एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की जिसे इस साल फरवरी में विशेष अदालत ने खारिज कर दिया था.