आय से अधिक संपत्ति मामले में कोर्ट ने DMK नेता ए राजा को भेजा समन, 10 जनवरी को पेश होने का दिया आदेश
DMK Leader A Raja: आय से अधिक सम्पत्ति (डीए) मामले में कोर्ट ने डीएमके नेता, लोकसभा सदस्य ए. राजा को समन भेजा है और 10 जनवरी को पेश होने का आदेश दिया.
DMK Leader A Raja: आय से अधिक सम्पत्ति (डीए) मामले में बुधवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के लोकसभा सदस्य ए राजा को स्थानीय कोर्ट ने समन भेजा है. उन्हें 10 जनवरी 2023 को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. यह मामला साल 2015 का है जिसमें ए राजा पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगा है. सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में राजा को आरोपी बनाया था और उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी. राजा फिलहाल नीलगिरि संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
ए राजा पर आरोप है कि आय से अधिक संपत्ति के खिलाफ अगस्त 2022 में दायर आरोप-पत्र के अनुसार, 2007 में एक केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने कांचीपुरम जिले में एक होटल बनाने के लिए हरियाणा के गुरुग्राम स्थित एक रियल-एस्टेट कंपनी को बुनियादी ढांचा का दर्जा दिया था और इसके बदले में अवैध पैसे लिये थे.
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप
सीबीआई के आरोप-पत्र के अनुसार, रियल एस्टेट कंपनी ने राजा को 4.56 करोड़ रुपये का भुगतान कोवई शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के माध्यम से किया था. यह कंपनी राजा के करीबी व्यक्ति की है, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री के रिश्तेदार भी निदेशक हैं. सीबीआई ने उन पर आय के ज्ञात स्रोतों से 5.53 करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया था.
10 जनवरी को कोर्ट में पेश होने का आदेश
उसके बाद यह मामला उस विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था, जो चेन्नई में सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई करती है. बुधवार को इस मामले की सुनवाई हुई. न्यायाधीश टी शिवकुमार ने राजा, कृष्णमूर्ति और एन रमेश समेत मामले में कथित रूप से शामिल अन्य लोगों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए सम्मन जारी किया. मामले की सुनवाई की अगली तारीख 10 जनवरी, 2023 मुकर्रर की गयी है.
टू जी स्पेक्ट्रम में भी लगा था राजा पर आरोप
इस मामले में सीबीआई ने 2015 में राजा तथा 16 अन्य लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था, जिसमें उनका भतीजा परमेश, पत्नी परमेश्वरी, उनके सहायक कृष्णमूर्ति और राजा के कथित सहयोगी सादिक बाशा की पत्नी शामिल है. सीबीआई ने टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले के संबंध में भी पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री राजा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था लेकिन एक विशेष अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था. क्योंकि एजेंसी उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई भी आरोप साबित नहीं कर पाई थी.