Gyanvapi Mosque Survey 2nd Day: वाराणसी के श्रृंगार गौरी विवाद में लगातार दो दिन ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का काम चला. दूसरे दिन 12 बजे तक सर्वे का काम पूरा होना था लेकिन सर्वे तय समय से अधिक चला. दोनों दिन मिलाकर 8 घंटे तक सर्वे हुआ. आज दूसरे दिन टीम ने मस्जिद की दीवारों और गुम्बदों का सर्वे किया और माना जा रहा है कि सर्वे का काम पूरा हो चुका है लेकिन इस बात पर अंतिम निर्णय एडवोकेट कमिश्नर लेंगे. सिविल कोर्ट के जज के आदेश पर वादी और प्रतिवादी पक्ष के साथ ही कोर्ट की ओर से नियुक्त प्रतिनिधियों की टीम मस्जिद में सर्वे करने के लिए पहुंची. सर्वे के दौरान किसी तरह की समस्या सामने नहीं आई. बताया  जा रहा है कि पूरा काम शार्तिंपूर्ण तरीके से हुआ. दोनों पक्षों के वकील का कहना है कि सभी लोगों की तरफ से सर्वे में पूरा सहयोग मिला. एहतियात के तौर पर सर्वे के दौरान सुरक्षा सख्त थी.


सर्वे के दूसरे दिन तालाब पर हुआ विवाद


दूसरे दिन के सर्वे में मस्जिद के अंदर 7-8 फीट का ढेर मिला जो सफेद पेंट से ढका हुआ था. सर्वे के बीच मस्जिद में वजूखाने के पास तालाब पर विवाद हो गया है. हिंदू पक्ष और मस्जिद कमेटी आमने-सामने आ गया. हिंदू पक्ष ने तालाब का पानी निकालने की मांग की. वहीं मस्जिद कमेटी ने पानी निकालने का विरोध किया है. हिंदू पक्ष के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गुंबद की तरफ सर्वे के दौरान एक दीवार पर हिन्दू परंपरा के आकार दिखे, उसे सफेद चूने से रंगा गया है. सर्वे की टीम ने इसकी वीडियोग्राफी की और प्रतीक चिन्ह का भी जिक्र किया जिनसे उनकी बात को बल मिल रहा है. जानकारी के मुताबिक, आज का सर्वे का 11.40 बजे तक पूरा हो गया था. उसके बाद आज के सर्वे का ड्राफ्ट तैयार किया गया. उसके बाद सभी पक्षकारों के दस्तखत कराए गए.


इसके बाद सर्वे की टीम ने मस्जिद के पश्चिमी हिस्से का सर्वे किया और मस्जिद के पश्चिमी हिस्से की एक दीवार है, जिसके पीछे एक खंडहरनुमा अवशेष है. हिंदू पक्ष की मांग है कि मलबा हटाकर वहां का सर्वे किया जाए. हिंदू पक्ष ने मस्जिद में कुछ जगहों पर पुताई पर सवाल उठाया. दरअसल मस्जिद के अंदर के हिस्से में ग्रे रंग के पत्थर लगे हुए हैं. उनमें कुछ हिस्सों पर पुताई की गई थी. उसको लेकर विवाद हुआ. कुछ देर तक सर्वे का काम बाधित भी था. लेकिन कोर्ट कमिश्नर ने बातचीत से मामले को सुलझाया.


सर्वे के पहले दिन 52 लोगों की टीम गई अंदर


सबसे पहले सर्वे की टीम सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर मस्जिद परिसर में पहुंची. इस टीम के साथ कैमरे भी थे. सर्वे की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी हो रही थी. ज्ञानवापी सर्वे में कुल 52 लोगों की टीम अंदर गई जिसमें कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र, उनके साथ दो सहयोगी कोर्ट कमिश्नर, वादी प्रतिवादी पक्ष के लोग, डीजीसी सिविल, जिला प्रशासन के उच्चाधिकारी, सुरक्षाकर्मी, वीडियोग्राफर, फोटोग्राफर आदि शामिल थे. सर्वे के लिए परिसर के अंदर गई टीम के मोबाइल बाहर ही जमा करा लिए गए. फिर टीम तहखाने की तरफ बढ़ी. तहखाना जंजीरों और तालों से जड़ा हुआ था.


तहखाने की सफाई कराई गई, अंदर घुसने से पहले वजू किया


ताला तोड़ने के लिए कारीगर बुलाए गए थे. लेकिन इंतज़ामिया कमेटी ने उससे पहले ही तहखाने की चाभी दे दी. तहखाना इतना गंदा पड़ा हुआ था कि इसमें घुसा नहीं जा सकता था तो पहले इसकी साफ सफाई कराई गई. तहखाने में घुसने पहले वजू किया गया. फिर जूते चप्पल उताकर टीम तहखाने में घुसी. टीम टॉर्च और हैलोजन लाइट से सर्वे किया गया.


इस टीम को निर्देश मिले थे कि धार्मिक किताबों और मंत्रों को हाथ नहीं लगाया जाएगा. तहखाने में कुल 5 कमरे मिले जिसमें एक पर दरवाजा नहीं था. सर्वे के बाद उक्त स्थानों को फिर से सील कर दिया गया है. वादी-प्रतिवादी पक्ष ने सर्वे के कार्य में पूरा सहयोग किया. पूरे परिसर की वीडियोग्राफी के लिए विशेष कैमरा और लाइट की व्यवस्था की गई थी.


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