भारत में कोरोना वायरस की दो वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल चुकी है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सीरम इंस्टीट्यूट की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी है. अभी तक हालांकि 'कोविशील्ड' और 'कोवैक्सीन की कीमत को लेकर सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक की ओर से कोई आधिकारिक एलान नहीं किया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एलान कर चुके हैं कि पहले फेज में तीन करोड़ कोविड युद्धाओं को कोविड वैक्सीन मुहैया करवाई जाएगी. कोविड युद्धाओं से वैक्सीन के लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा. बाकी देशवासियों को कोविड वैक्सीन मुफ्त मिलेगी या नहीं इस पर अभी फैसला होना बाकी है.
100 रुपये में उपलब्ध हो सकती है कोवैक्सीन के एक डोज
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई कोवैक्सीन की कीमत 100 रुपये से भी कम हो सकती है. इस वैक्सीन के दो डोज दी जाएंगी. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक वैक्सीन के निर्माण में भारत बायोटेक ने करीब 350 से 400 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
23 दिसंबर तक भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का दो फेज का ट्रॉयल पूरा हो चुका है. 23 दिसंबर को कोवैक्सीन के तीसरे ट्रॉयल को मंजूरी मिल गई थी जिसमें करीब 23 हजार वॉलिंटियर हिस्सा ले रहे हैं.
कोविशील्ड की कीमत हो सकती है 500-600 रुपये
सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड वैक्सीन की बात करें तो इसकी कीमत 500 से 600 रुपये की बीच हो सकती है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनेवाला लगातार कहते रहे हैं कि वह इस वैक्सीन को कम से कम दाम में मुहैया करवाने की कोशिश करेंगे. सीरम इस्टीट्यूट ने इस वैक्सीन के निर्माण के लिए ऑक्सफोर्ड के साथ साझेदारी की है. ऑक्सफोर्ड की बनाई गई वैक्सीन पहले ही इंग्लैंड में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी पा चुकी है.
कोविशील्ड वैक्सीन को 2 डिग्री सेल्सियस से लेकर 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखा जा सकता है. ट्रॉयल में कोविशील्ड वैक्सीन को 90 फीसदी कारगर पाया गया है. ऑक्सफोर्ड द्वारा बनाई गई वैक्सीन के ट्रॉयल में यूके, ब्राजील और साउथ अफ्रीका से करीब 20 हजार लोगों ने हिस्सा लिया.
COVID-19 Vaccine: DCGI ने किया बड़ा ऐलान, कोविशील्ड और कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को दी मंजूरी