इंदौर: जिले में कोविड-19 की रोकथाम के लिए लागू जनता कर्फ्यू के उल्लंघन की सजा के तौर पर मेंढक चाल चलने में नाकाम रहे एक व्यक्ति पर आग-बबूला होकर तहसीलदार ने कथित रूप से उसे जोरदार लात मार दी. राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस पर प्रकरण दर्ज कर इंदौर कलेक्टर और कमिश्नर इंदौर से 10 मई तक जवाब मांगा है. 


इस वाकये का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और इसके कारण प्रशासन को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. इस घटना के बारे में बताया जा रहा है कि यह जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर देपालपुर कस्बे में रविवार की है.






इस वीडियो में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी उन लोगों को मेंढक चाल (दोनों पैरों के बल जमीन पर बैठकर मेंढक की तरह उछल-उछल कर चलना) की सजा देते नजर आ रहे हैं जो जनता कर्फ्यू का उल्लंघन कर बाहर घूम रहे थे.


ढोल की धुन पर लोगों को कस्बे में जुलूस के रूप में घुमाया 
चश्मदीदों के मुताबिक इन लोगों को मेंढक चाल चलवाकर ढोल की धुन पर कस्बे में जुलूस के रूप में घुमाया जा रहा था. उन्होंने बताया कि इनमें से एक व्यक्ति किसी परेशानी के चलते मेंढक चाल नहीं चल पा रहा था. इस पर एक तहसीलदार ने गुस्से में व्यक्ति के शरीर के पिछले हिस्से में जोरदार लात मार दी. इस वाकये के बारे में पूछे जाने पर जिलाधिकारी मनीष सिंह ने सोमवार को कहा, 'उन्होंने (तहसीलदार) इस प्रकार का जो कृत्य किया, वह बिल्कुल गलत था और मैंने इसके लिए उन्हें डांटा भी है.'


जिलाधिकारी ने यह भी कहा, 'जब भी महामारी रोग अधिनियम लागू होता है, तब कोई भी व्यक्ति नहीं कह सकता कि उसकी जान की जिम्मेदारी केवल उसी की है. उसकी जान की जिम्मेदारी प्रशासन की रहती है. अगर वह व्यक्ति कोई लापरवाही करता है, तो दंड का भागी जरूर होता है.'


इंदौर कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला
गौरतलब है कि इंदौर, सूबे में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है. जहां महामारी की दूसरी लहर की रोकथाम के लिए जनता कर्फ्यू (आंशिक लॉकडाउन) लागू है. कर्फ्यू के दौरान लोगों को बेहद जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलने की इजाजत है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 35 लाख की आबादी वाले जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 1,16,280 मरीज मिले हैं. इनमें से 1,163 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है.


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