नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों के लिए आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना अनिवार्य बना दिया है. कार्मिक मंत्रालय की ओर से इस बारे में आदेश जारी किया गया है. आदेश के मुताबिक, सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए तुरंत एप डाउनलोड करना अनिवार्य बनाया गया है. इनमें वो कर्मचारी भी शामिल हैं जो कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं.


कर्मचारियों से कहा गया है कि वो अपने घर से कार्यालय के लिए तभी निकलें जब आरोग्य सेतु एप में स्टेटस 'सुरक्षित' या 'कम खतरा’ ( Low Risk ) दिख रहा हो. अगर एप्प ' मध्यम ' या ' ज़्यादा ख़तरा ' वाला स्टेटस दिखा रहा हो तो कर्मचारियों को तबतक घर में रहने को कहा गया है जब तक कि स्टेटस फिर से 'सुरक्षित' या 'कम ख़तरा' की श्रेणी में न आ जाए. केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों को उनके अधीन आने वाले सरकारी कम्पनियों के कर्मचारियों के लिए भी एप डाउनलोड करना अनिवार्य बना दिया है.


सूचना प्रद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के अंदर काम करने वाली एजेंसी राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सेंटर ( NIC ) ने एप्प तैयार किया है. एप मूल रूप से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के ज़रिए काम करता है. यूजर के ब्लूटूथ से ये पता चलता है कि वो किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आया है या नहीं...और अगर आया भी है तो कितनी दूरी से आया है. अगर ऐसा होता है तो एप में स्टेटस का रंग हरा (सुरक्षित) से नारंगी या फिर लाल हो जाएगा. स्टेटस बदलने पर यूजर को एक नोटिफिकेशन भी भेजा जाता है.


अबतक 7.5 करोड़ यूजर्स


कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में आरोग्य सेतु मोबाइल एप को एक धारदार हथियार के तौर पर उतारा गया है. 2 अप्रैल को लांच होने के महज 13 दिनों के भीतर इस एप को 5 करोड़ यूजर्स ने जबकि 15 दिनों में 6 करोड़ यूजर्स ने डाउनलोड कर लिया जो अपने आप में दुनियाभर में रिकॉर्ड है.


नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने इस अवसर पर ट्वीट करते हुए लिखा था कि 5 करोड़ यूजर्स तक पहुंचने में टेलीफोन को 75 साल, रेडियो को 38 साल, टेलीविजन को 13 साल, इंटरनेट को 4 साल और फेसबुक को 19 महीने लग गए थे. अब ये आंकड़ा 7.5 करोड़ यूजर्स तक पहुंच गया है.


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