दुनिया में कोविड से हालात खराब! केंद्र सरकार अलर्ट! एक्सपर्ट बोले- BF.7 वेरिएंट की भारत में कोई लहर नहीं
Covid-19: एक्सपर्ट्स का कहना है कि वायरस बहुत ज्यादा हल्के रूप में म्यूटेड हुआ है और बड़ी संख्या में भारतीयों ने टीकाकरण के बाद हाइब्रिड इम्यूनिटी हासिल कर ली है.
India Coronavirus Cases: चीन में कोरोना से मची तबाही के बीच एक्सपर्ट्स ने भारत (India) में इसकी स्थिति को लेकर कई सुझाव दिए हैं. एक्सपर्ट्स ने कहा कि कोविड-19 के अत्याधिक संक्रामक BF.7 ओमिक्रोन वेरिएंट (Omicron Variant) से देश में एक और लहर शुरू होने की संभावना नहीं है.
विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि कि भारत को स्थानीय या छिटपुट मामले में घबराहट से बचने के लिए 'लहर' को फिर से परिभाषित करना चाहिए. बेंगलुरु में स्थित टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स अनुसंधान और विकास के प्रमुख और वायरोलॉजिस्ट डॉ वी रवि ने कहा, “वेरिएंट से भारतीय आबादी के लिए गंभीर जोखिम पैदा करने की संभावना नहीं है.”
डॉ रवि ने कहा, 'नए वेरिएंट के नोवल कोरोना वायरस (Noval Coronavirus) की तरह व्यवहार करने की संभावना है. चीन में, जनसंख्या न तो वेरिएंट के संपर्क में आई है और न ही उनका टीकाकरण (Vaccination) किया गया है. उन लोगों में कोई भी ओमिक्रोन का सबवेरिएंट SARS-CoV-2 वायरस की तरह व्यवहार करेगा.' चीन में कोरोना मामलों में उछाल ने भारत को एहतियाती उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित किया है, जिसमें टेस्ट और बूस्टर शॉट्स, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की रैंडम स्क्रीनिंग और लोगों को कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने के लिए कहना शामिल है.
बड़ी संख्या में भारतीयों में हाइब्रिड इम्यूनिटी
एक्सपर्ट्स ने कहा कि वायरस बहुत ज्यादा हल्के रूप में म्यूटेड हुआ है और बड़ी संख्या में भारतीयों ने टीकाकरण के बाद हाइब्रिड इम्यूनिटी हासिल कर ली है. अस्पताल में भर्ती होने और वायरस से होने वाली मौतों पर नज़र रखने से मामलों की संख्या की निगरानी करने की तुलना में ज्यादा सटीक तस्वीर मिलेगी.
वरिष्ठ महामारी विज्ञानी डॉ. रमन गंगाखेडकर के अनुसार, यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि कौन सा स्थानीय प्रकोप कब किसी लहर में तबदील हो जाए. यह काफी हद तक जनसंख्या स्तर पर अतिसवेंदनशीलता पर निर्भर करता है. दैनिक मामलों का आंकलन करने और पॉजिटिविटी रेट की जांच करने की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने और मौतों की निगरानी करना एक बेहतर विकल्प प्रतीत होता है.
एक्सपर्ट्स की राय?
एक्सपर्ट्स ने कहा, 'महामारी लहर' शब्द को ठीक से परिभाषित नहीं किया गया है. लहर केवल एक ग्राफिकल रिप्रेजेंटेशन है, जो मामलों में बढ़ोतरी, पीक और फिर गिरावट दिखा रहा है. यह महामारी कि स्थ्ति को लेकर एक साधारण पिक्चर देने के लिए डिज़ाइन किया गया है. आईसीएमआर के संशोधित गाइडलाइनस में कहा गया है कि केवल लक्षणों की जांच की जाएगी और इससे मामलों की संख्या बढ़ सकती है. क्योंकि बुखार या खांसी वाले लोगों के पॉजिटिविटी जांच की संभावना ज्यादा होती है. विशेषज्ञों ने कहा कि केवल इस तरह से जांच करने से ज्यादा कोविड मामले दिखाई देंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होना चाहिए कि कोविड हर जगह बढ़ रहा है.
फिर घरेलू जांच सहित वेरिएबल परीक्षण होते हैं, जो हल्की बीमारी के वास्तविक बोझ की पहचान करना लगभग असंभव बना देता है. इसकी वजह है कि क्योंकि जांच अक्सर रिपोर्ट नहीं किए जाते हैं. विशेषज्ञों ने कहा कि ऐसे हालात में, जहां जांच डेटा एक दूसरी तस्वीर पेश कर सकता है, बढ़ोतरी का सबसे विश्वसनीय स्रोत अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों और मौतों का डेटा है.
इसे भी पढ़ेंः-