नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. कोविड 19 मरीजों का आंकड़ा जहां बढ़कर 863 हो गया है वहीं बीते 24 घंटे में मरने वालों की संख्या में चार का इजाफा हुआ है. इस बीच भारत सरकार ने महामारी के चरण यानी सामुदायिक संक्रमण से निपटने की तैयारी तेज़ कर दी है.


इस कड़ी में स्वास्थ्य मंत्रालय ने 40 हज़ार वेंटिलेटर का ऑर्डर दिया है. इसमें से 30 हज़ार वेंटिलेटर भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड से लिए जाएंगे. साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के स्वास्थ्य उपक्रम HLL को भी 10 हज़ार वेंटिलेटर उपलब्ध कराने को कहा है.


गौरतलब है कि बीते हफ्ते स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से 1200 वेंटिलेटर खरीद की जानकारी दी गई थी. मगर अब इस आंकड़े में खासी बढ़ोतरी की गई है. इतना ही नहीं सूत्रों के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र की दोनों कम्पनियों को इस बात के भी निर्देश दिए गए हैं कि निर्धारित संख्या से ज़्यादा भी यदि वेंटिलेटर उपलब्ध हों तो खरीद लिए जाएं.


इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव और प्रवक्ता लव अग्रवाल ने बताया कि देश में चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति के लिए एक विशेष टास्कफोर्स बनाई गई है. इसमें केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव, रेलवे बोर्ड चेयरमैन और रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामलों के सचिव और सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत कई आला अधिकारी हैं.


यह टास्कफोर्स सुनिश्चित करेगी कि देश की किसी भी हिस्से में मेडिकल उपकरणों, डॉक्टरों के इस्तेमाल में आने वाले पर्सनल प्रोटेक्शन से जुड़े समान आदि में कोई रुकावट न हो. इस कड़ी में देश के 17 सूबों में निर्धारित कोविड19 हॉस्पिटल तैयात करने का भी शुरू कर दिया गया है.


सूत्रों के अनुसार राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना के कुछ इलाकों में जिस तरह मामले सामने आए हैं उसने कम्यूनिटी ट्रान्सफर यानी सामुदायिक संक्रमण को लेकर सरकार की चिंता बढ़ाई है. राजस्थान के भीलवाड़ा और महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे और तेलंगाना के हैदराबाद में एक साथ कई मामले सामने आए हैं.


कोविड19 संक्रमित मामलों में हुई बढ़ोतरी के बीच टेस्टिंग को लेकर भी सवाल गहराए हैं. ऐसे में सरकार चीन समेत सभी मुल्कों मुल्कों से टेस्टिंग किट  ताबड़तोड़ हासिल करने में जुटी है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रमन आर गंगाखेड़कर के मुतबिक भारत ने 34 लाख टेस्टिंग प्रोब का ऑर्डर दिया है. इसमें से 5 लाख प्रोब शुक्रवार को भारत को मिले हैं.


डॉ गंगाखेड़कर ने बताया कि भारत चीन समेत उन सभी मुल्कों के साथ सम्पर्क में है जिनके पास इस बीमारी के परीक्षण क़ई किट है. उनके मुताबिक सेरोलॉजी और पीआरएस आधारित टेस्ट परीक्षण के लिए जो भी टेस्ट किट जहाँ सम्भव हो हासिल की जा रही हैं.