देश में फिर क्यों बढ़ रहे कोरोना केस, कितना खतरनाक साबित होगा नया वेरिएंट - एक्सपर्ट ने दिए तमाम सवालों के जवाब
डॉ संजय राय ने कहा कि, हमें इस पर ध्यान देना चाहिए कि क्या गंभीरता बढ़ रही है, हॉस्पिटलाइजेशन बढ़ रहा है, मौतें हो रही हैं.
भारत में कोरोना के मामलों पिछले कई हफ्तों से कमी आई, लेकिन कुछ राज्य ऐसे हैं जहां केस और पॉजिटिविटी रेट में बढ़ोतरी देखने को मिली है. ऐसे राज्यों को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने चिट्ठी लिखी है. इसी बीच भारत के दो राज्यों में कोरोना के नए वेरिएंट के केस भी सामने आए हैं, वहीं स्कूल खुलने के बाद कुछ जगहों पर बच्चों में भी संक्रमण पाया गया है. अब फिर से कोरोना मामले बढ़ने के क्या मायने हैं और क्या ये नया वेरिएंट कोरोना की चौथी लहर के लिए जिम्मेदार होगा? इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए हमने इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के अध्यक्ष और एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन के डॉ संजय राय से बात की.
राज्यों में फिर क्यों बढ़ रहे हैं केस?
हमने डॉ संजय राय से पूछा कि भारत में केस कम हो रहे हैं लेकिन कुछ राज्यों केस और पॉजिटिविटी रेट बढ़ रहे हैं, इसका क्या मतलब है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि, कोरोना वायरस में इस तरह फ्लक्चुएशन होता रहेगा. अब हमारी ज्यादातर आबादी इम्यून हो चुकी है. केस बढ़ते और घटते रहेंगे, ये हम पहले से कहते आए हैं. हमें इस पर ध्यान देना चाहिए कि क्या गंभीरता बढ़ रही है, हॉस्पिटलाइजेशन बढ़ रहा है, मौतें हो रही हैं...क्योंकि हमें तकलीफ तब होगी जब हमारे बेड भरने लगेंगे, जिसकी संभावना बहुत कम नजर आ रही है. यही तीसरी लहर में हुआ जब ओमिक्रोन आया था.
नए वेरिएंट को लेकर क्या है जानकारी?
अभी नया वेरिएंट सामने आया है, थोड़ा डर है क्योंकि कहा जा रहा है कि बहुत तेजी से फैलने वाला है इसके बारे में क्या और जानकारी है? इस सवाल के जवाब में डॉ संजय ने कहा कि, जब भी नया वेरिएंट आता है संक्रामक ज्यादा होता है, जब ज्यादातर लोग कह रहे थे लॉकडाउन लगा देना चाहिए, तब मैंने कहा था कि ये काफी ज्यादा संक्रामक है, लेकिन माइल्ड नजर आ रहा है और उस समय 99% डेल्टा केस थे, जिसे ओमिक्रोन ने बाद में रिप्लेस कर दिया. ये जो नया वेरिएंट है वो ओमिक्रोन का ही एक रूप है. हो सकता है कि वो ओमिक्रोन को रिप्लेस कर दे. लेकिन अभी तक कोई ऐसा एविडेंस नहीं है कि ये बहुत सीवियर है और दिक्कत दे रहा है. तो जब तक ऐसा कोई एविडेंस नहीं तब तक हमें इसको मॉनिटर करते रहना होगा, लेकिन इसे लेकर बहुत बड़ी चिंता या पैनिक नहीं होना चाहिए.
बच्चों पर कोरोना का कितना असर?
हमने डॉक्टर संजय से पूछा कि, अब बच्चों का टीकाकरण चल रहा है, स्कूल भी खुल गए लेकिन बच्चों में भी केस सामने आए हैं? क्या ये चिंता करने वाला है? इस पर उन्होंने कहा कि, बच्चे संक्रमित हो सकते हैं, कोई भी संक्रमित हो सकता है. वैक्सीन दे ना दें क्योंकि वैक्सीन संक्रमण को नहीं रोक सकती है. वैक्सीन गंभीर बीमारी और मौत रोकता है. एडल्ट में मामले गंभीर और डेथ हैं, बच्चों में नहीं है. वहीं बच्चे पहले ही इनफेक्ट हो चुके है जो सीरो सर्वे आया था आईसीएमआर का उसमे पाया गया था 60फीसदी बच्चे इनफेक्ट हो चुके है करीब 27 करोड़ बच्चे इनफेक्ट हुए और पता भी नहीं चला. इसलिए पता नहीं चला क्योंकि बच्चों में गंभीर बीमारी होती ही नहीं है, ना के बराबर होती है. वहीं दूसरा एविडेंस है कि जो पहले से इनफेक्ट हो चुका है उनमें गंभीर बीमारी ऐसे भी नहीं होती है. जो दिल्ली सरकार का सीरो सर्वे था उसमें पाया गया कि 80 फीसदी बच्चे पहले ही इनफेक्ट हो चुके हैं, तो वो प्रोटेक्टेड हैं. आपको पता नहीं चलने के मतलब है ये नहीं कि उन्हें संक्रमण नहीं हुआ.
ये भी पढ़ें -