मुंबई: एक तरफ मुंबई बीएमसी कोरोना महामारी के संकट से लड़ रही है तो वहीं दूसरी तरफ बीएमसी ने शहर में मानसून से पहले नाला सफाई और सडकों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है. हर साल बीएमसी की तरफ से मई के महीने में शहर के नाले सफाई और ख़राब सड़कों की मरम्मत का काम शुरू किया जाता है ताकि मुंबई में मानसून में सड़कों पर जलजमाव ना हो. इसके साथ ही टूटी सड़कों के गड्ढे भी भरे जाते है ताकि दुर्घटना ना हो.


हालांकि इस साल मुंबई कोरोना महामारी का केंद्र बना हुआ है और ऐसे में बीएमसी इस महामारी का मुकाबला करने के लिए फ्रंटलाइन में है. इस कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए बीएमसी प्रशासन और सरकार एक योद्धा की तरह काम कर रही है. कोरोना के संकट में भी बीएमसी ने मानसून पूर्व सफाई के कामकाज को नही टाला और कामकाज तेजी से शुरू हो गया है. मुंबई में प्री मानसून शॉवर 8 जून तक देखने को मिलते है और 12-13 जून तक मानसून का आगमन हो जाता है.


इतना ही नहीं बल्कि बीएमसी हर साल नाले की सफाई और सड़क की मरम्मत का काम ठेकेदार को देती है. इस बार बीएमसी के स्थायी समिती के अध्यक्ष यशवंत जाधव ने फैसला लिया है कि फिलहाल बीएमसी इन कामकाजों के अलावा अन्य कोई कामकाज के प्रस्ताव को पारित नहीं करेगी. मुंबई के बांद्रा इलाकें में जाकर बीएमसी स्थायी समिती अध्यक्ष यशवंत जाधव और बीएमसी प्रशासन ने मानसून पूर्व कामकाज कैसे चल रहा है इसका जायजा लिया.


स्थायी समिती अध्यक्ष यशवंत जाधव ने कहा कि मुंबई में लॉकडाउन होने के चलते भले ही इस साल बीएमसी को नाले की सफाई के कामकाज के लिए ट्रैफिक और जनसंख्या से कोई बाधा नहीं हो रही है लेकिन बीएमसी प्रशासन के कर्मचारी कोरोना की ड्यूटी के साथ मानसून के पूर्व काम में लगे हुए हैं. उनपर अतिरिक्त कामकाज का भार ज्यादा हो गया है.''