मुंबई: महाराष्ट्र के मुंबई में कोरोना के मामले दिन प्रतिदिन कम होते जा रहे है लेकिन मुंबई में अनलॉक लेवल 3 के ही प्रतिबंद लागू हैं. जिसके चलते सवाल ये उठता है कि महानगर पालिका कब इन प्रतिबंधों में राहत लाएगी. अतिरिक्त नगर आयुक्त सुरेश ककानी ने इस विषय में जानकारी दी है कि इस हफ्ते महानगर पालिका विचार विमर्श करके किसी एक निर्णय पर आएगी.


मुंबई में बाहर से आए लोगों का प्रमाण ज्यादा है. इसीलिए खतरा ज्यादा है. प्रतिबंधों में कितनी रियायत देनी है. इस पर महानगर पालिका और राज्य सरकार मिलकर निर्णय लेगी. मुंबई में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं लेकिन अब भी ऐसे कई जिले हैं, जहां बेड पर ज्यादा मरीज हैं. ये मुंबई के लिए खतरे की बात हो सकती है क्योंकि बाहरी इलाकों से कई लोग मुंबई में आते है.


मानसून में बढ़ती बीमारियां


कई कोरोना अस्पतालों को नॉन-कोविड अस्पतालों में ट्रांसफर किया गया है, जो मानसून की इन बढ़ती बीमारियों पर ध्यान देंगे. बारिश से होने वाले रोग जैसे की डेंगू, मलेरिया, लेप्टो जैसे बीमारियों का प्रमाण फिलहाल कम है और अब तक इस वजह से किसी की भी मृत्यु नहीं हुई है. डॉ. श्रुष्टि हलेरि, जो 13 महीनों में 3 बार कोरोना से संक्रमित हुई और वैक्सीन लेने के बाद 2 बार संक्रमित हुई, पर महानगर पालिका का कहना है कि टिका लगने के बाद नागरिकों को कोरोना से बेचने के एहतियाती उपायों को जारी रखना चाहिए. लापरवाही फिर से कोरोना को निमंत्रण दे सकती है.


जम्बो कोविड सेंटर


वहीं कांजुर में जम्बो कोविड सेंटर बन रहे हैं. इनमें 1700 बेड्स होंगे. तीसरी लहर की तैयारी के लिए इसमें 200 बेड बच्चों के लिए है. वहीं 200 ICU बेड है. इसके अलावा 70% बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा दी गई है. यह अब तक पुरा बना नही है लेकिन जल्द ही तैयार हो जाएगा.


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