कोरोना महामारी के प्रसार की रोकथाम के लिए देशभर में लगाए गए लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर ब्लड शुगर लेवल और डायबिटीज के मरीजों पर पड़ सकता है. डॉक्टरों ने इस बात की आशंका जताई है. लॉकडाउन के दौरान जहां एक तरफ कई मरीजों ने या तो ठीक से दवाइयां नहीं ली, खाने-पीने में परहेज नहीं किया या फिर शुगर लेवल को ठीक रखने के लिए पर्याप्त व्यायाम नहीं किया.


जब मार्च में लॉकडाउन लगाया गया था उसके बाद डॉक्टरों  ने इस बात को नोटिस किया कि कई गंभीर मरीजों का शुगर लेवल बढ़ गया था. हालत ये हो गई कि मई में कोविड-19 के पहले लहर के चरम पर होने के दौरान कई मरीजों का शुगल लेवल बढ़कर 400 तक पहुंच गया था.


दुनियाभर के आंकड़ों से यह जाहिर होता है कि कोविड-19 मरीजों की मौत और बिगड़ते हालात से डायबिटीज का सीधा संबंध है. डॉक्टरों का ऐसा मानना है कि कोरोना का डायबिटीज पर लंबे समय तक असर रहेगा और कुछ को ज्यादा मेडिकेशन और इंसुलिन की जरूरत पड़ेगी.


कोरोना एक ऐसी बीमारी है जिसका तमाम प्रयासों के बावजूद अब तक इलाज नहीं मिल सका है. कोरोना हद से ज्यादा शरीर को असर कर दे तो ये शरीर में फेफड़ों, किडनी को डैमेज कर देता है. डॉक्टरों का कहना और मानना है कि जो व्यक्ति पहले से ही शारीरिक समस्या से जूझ रहा है उसके लिए कोरोना बेहद जानलेवा है.


डायबिटीज के मरीज कैसे करें कोरोना से बचाव:


1-अगर आप डायबिटीज के मरीज है तो कोशिश करें इन दिनों घरों से बाहर कम ही निकलें या केवल जरूरत होने पर ही निकले. जितना घर पर रहेंगे उतना आपके लिए और आपके शरीर के लिए अच्छा साबित होगा.


2- अगर घर से बाहर निकलना आपको पड़ रहा है तो बिना मास्क पहने बिल्कुल ना निकले. मास्क आपको वायरस से बचाये रखता है.


3-सैनेटाइजर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है. समय-समय पर हाथों को धोते रहें और इन दिनों लोगों से खास दूरी बनाये रखें. साथ ही ध्यान रखें कि आप अपने चहरे और आखों पर बार बार हाथ ना लगायें.


4-डायबिटीज को नियंत्रण रखना बेहद जरूरी होता है. बांध लें कि इस समय के बाद आपको अपनी डायबिटीज चेक करनी है. ज्यादा या कम होने पर डॉक्टर से तुरंत बात करें.


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