भोपाल: भोपाल के जहांगीराबाद इलाके में कोरोना कम्युनिटी स्प्रेड के तौर पर फैलने पर आ गया है. नए और पुराने भोपाल के बीच के इस इलाके में जिस तेजी से मरीज सामने आ रहे हैं उससे लग रहा है कि यहां पर कोरोना की चेन ब्रेक नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में यहां कोरोना कम्युनिटी स्प्रेड के रूप में संक्रामक होकर फैल जाएगा. ये कोरोना का सबसे बुरा रूप होता है.
भोपाल में साढ़े सात सौ मरीज सामने आए हैं. जिसमें से 180 इसी इलाके के हैं. भोपाल में हुई तीस मौतों में से करीब दस यहीं पर हुई है. इस इलाके में पिछले कुछ दिनों में मरीजों की संख्या बढती ही जा रही है. तकरीबन दस से बारह हजार की आबादी वाले इस मोहल्ले में हर पांचवे छठे घर में कोरोना ने दस्तक दी है.
भोपाल के प्रशासन ने अब यहां पर कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाले परिवारों के पड़ोस के दो घरों के लोगों को घरों से होटल में ले जाना शुरू कर दिया है. इसका मकसद है कि कोरोना की चेन तोड़ी जाए. ऐसा करने वाला भोपाल पहला शहर होगा. भोपाल के कलेक्टर तरूण पिथोड़े कहते हैं कि कम्युनिटी स्प्रेड की आशंका को देखते हुए ऐसा किया जा रहा है. इस इलाके में आबादी का घनत्व ज्यादा है. एक घर में कई लोग रहते हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा इसलिए केस लगातार बढे हैं मगर राहत की बात ये है कि अब हमने कोरोना का सोर्स पकड़ लिया है. पूरे शहर मे अब कोरोना के मामले कम आ रहे हैं. यहीं से मामले बढ़ रहे हैं इसलिये हमने यहां पर सर्वे और सेंपलिंग का काम बढ़ा दिया है.
उन्होंने कहा,'' आने वाले दिनों में कोरोना के मरीजो की संख्या भले ही बढ़े मगर वो यहीं पर सीमित होगी. इस पूरे मोहल्ले में तगड़ी बैरिकैटिंग की गयी है. किसी भी बाहरी आदमी का आना जाना मना है. रहवासियों को राशन और दूध नगर निगम के लोग घरों तक पहुंचा रहे हैं. इस इलाके में अधिकतर पुलिस कर्मचारी रहते हैं. उनसे भी घरों से काम करने को कहा गया है. भोपाल के इस मोहल्ले में इतनी सख्त पहरेदारी है कि आते जाते और गुजरते लोगों को भी डर लगता है.