नई दिल्ली: ग्रेटर नोएडा के गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ हुए साइंस ( GIMS) में एक पांच दिन के नवजात शिशु कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. GIMS अस्पताल के डायरेक्टर राकेश गुप्ता एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान कहा कि "इस बच्चे की जांच पैदा होने के तीसरे दिन की गई जिसमें ये पॉजिटिव पाया गया है. बच्चे में कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे. प्रोटोकॉल के हिसाब से बच्चे को स्तनपान किया जा रहा है."
कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर बच्चे को पहले 24 में मां से अलग रखा जाता है. इस केस में स्तनपान करना विपरीत संकेत नहीं है और मां बच्चे को स्तनपान करा सकती है. मास्क पहन कर और कोविड19 सावधानियां बरतते हुए मां बच्चे का ध्यान रख सकती है.
डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि "इस केस में मां और बच्चा दोनों को कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं थे." मां और नवजात शिशु दोनों स्टेबल हैं और दोनों की जांच दिनों में दोबारा जांच की जाएगी.
सरकार के आदेश के अनुसार प्रेगनेंट महिला को डिलीवरी से पांच दिन पहले कोरोना वायरस टेस्ट करवाना है. अस्पताल के पास ऐसे कई केस सामने आए हैं जब प्रेगनेंट महिला कोरोना वायरस संक्रमित पाई गईं लेकिन बच्चा नेगेटिव टेस्ट हुआ जैसे - पहले केस में मां पॉजिटिव थी, बच्चा नेगेटिव आया. दूसरे केस में माता पिता दोनों पॉजिटिव आए लेकिन बच्चा नेगेटिव आया.
गर्भवती महिलाओं को कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर अपनी सेहत पर ज़्यादा ध्यान देने की जरूरत है. इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं लिहाज़ा उन्हें इंफेक्शन फ्लू आसानी से हो सकता है.सीडीसी का कहना है कि अभी इस बात को लेकर कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है कि प्रेग्नेंट महिलाओं में आम लोगों के मुकाबले कोरोना वायरस होने का खतरा ज्यादा है या नहीं. लेकिन एहतियाती उपाय के तौर पर गर्भवती महिलाओं को सलाह है कि घर से बाहर बिल्कुल ना जाएं. मां को अगर कोई लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत कोविड अस्पताल को इसकी जानकारी दें.
Covid19: कोरोना से निपटने में कितना कारगर है आयुर्वेद, पता लगाने के लिए जल्द होगा क्लीनिकल ट्रायल